निशा हत्याकांड का अनसुलझा खुलासा

- पुलिस का दावा राघव के खिलाफ पुख्ता फोरेंसिक व परिस्थितिजन्य सबूत,आला कत्ल से लेकर लूटा हुआ सामान बरामद

- पुलिस कहानी में कई सवाल जो राघव को कोर्ट में कातिल साबित करने में बनेंगे मुसीबत

KANPUR: निशा केजरीवाल के कत्ल का खुलासा पुलिस ने चार दिन के अंदर कर दिया। पुलिस ने पड़ोसी राघव को कातिल बताते हुए गिरफ्तार किया है। उसके खिलाफ पुलिस ने कई अहम पुख्ता सबूत भी जुटाए हैं। आला अफसरों खुलासा कररने वाली टीम को ईनाम भी दिया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट भी पुलिस की तत्परता, मेहनत और जज्बे की तारीफ करता है। हम ऐसा भी नहीं कह रहे हैं कि राघव कातिल नहीं है। या उसके खिलाफ सबूत नहीं हैं। लेकिन कोर्ट के सामने किसी को कातिल साबित करने के लिए तीन चीजें सबसे अहम होती हैं। गवाह, आला-ए-कत्ल और कत्ल के पीछे का मकसद। तीन में कम से कम दो पक्ष भी पुलिस के मजबूत हों कातिल को अंजाम तक पहुंचाना आसान हो जाता है। लेकिन निशा की हत्या में पुलिस के पास न तो कोई गवाह है और न ठोस मोटिव। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आपके सामने वह सवाल रख रहा है जिनके जवाब अभी मिलने बाकी हैं।

सवाल दर सवाल उलझती वज

दावा- राघव ड्रग्स का लती था घर से उसे हर महीने भ्0-म्0 हजार रुपए भेजे जाते थे फिर भी ड्रग्स की वजह से उसका रोज का खर्च भ् से म्हजार का था। उसने कई लोगों से कर्ज ले रखा था जिसे चुराने के लिए उसने घटना को अंजाम दिया।

सवाल- राघव खुद एक संपन्न परिवार का एकलौता बेटा था। अगर उस पर दोस्तों का कर्ज था तो उसने अपने घर में चोरी की कोशिश क्यों नहीं की। पड़ोसी के घर चोरी के लिए हथौड़ा लेकर क्यों पहुंच गया?

दावा- निशा केजरीवाल के घर के दरवाजे खुले थे। राघव यह सोच कर घर पहुंचा था कि निशा सो रही होगी, लेकिन जब वह जागती मिली तो उसने लैपटॉप यूज करने का बहाना कर दिया।

सवाल- राघव अलमारी तोड़ने के लिए अगर हथौड़ी साथ ले गया था तो निशा ने इस बारे में उससे कुछ पूछा क्यों नही? स्मार्टफोन के जमाने में नेट कनेक्शन नहीं होने का बहाना क्या आउटडेटेड नहीं है?

दावा- निशा के जागता मिलने पर राघव ने लैपटॉप यूज करने का बहाना किया। उसके बाद बेडरूम में जाकर अलमारी खोलने लगा इसी दौरान निशा ने उसे देख लिया तो राघव ने हथौड़ी से उसका कत्ल कर दिया?

सवाल- पुलिस यह साफ नहीं कर सकी कि राघव के घर में लैपटॉप यूज करने के दौरान निशा बेडरूम में सोने चली गई थी या किचन में चाय बना रही थी या आम खा रही थी? साथ ही मौके पर दो चाय के कप मिलने की थ्योरी को भी पुलिस ने नकार दिया।

दावा- राघव ने खुद ही पहले हथौडे़ फिर तकिया और फिर चाकू से निशा पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसने बेसिन में चाकू साफ किया और फिर किचन में जाकर पानी पिया। जिससे उसकी चप्पल पर खून के निशान किचन में बन गए।

सवाल- राघव ने अकेले ही कत्ल को अंजाम दिया। अगर वह हथौड़ा लेकर घर से जा सकता था तो चाकू को वहां क्यों छोड़ दिया? अगर उसे सबूत मिटाने की जल्दबाजी थी तो वह पानी तो अपने घर में जाकर भी पी सकता था।

दावा- कत्ल के बाद सबकुछ सामान्य दिखाने के लिए ही राघव सोनाली के चिल्लाने पर सबसे पहले घर पहुंचा। लेकिन उसके बाद वह उद्योगनगरी एक्सप्रेस से मुंबई निकल गया। लूटी गई रकम और ज्वैलरी उसने सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइट में जनरल टिकटघर के बाहर लगे एक आधे भरे स्टेनलेस स्टील के डस्टबीन में डाल दी।

सवाल- पुलिस के दावे के मुताबिक जिस चीज के लिए निशा का इतना बेरहमी से कत्ल हुआ। उस चीज को राघव सेंट्रल स्टेशन के डस्टबीन में डाल कर कैसे चला गया? और दो दिन बाद पुलिस को उसी डस्टबीन से सारा माल बरामद ही हो गया? जबकि सेंट्रल स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में दिन में ब् से भ् बार सफाई हाेती है।

दावा- राघव अपने घर वालों से बहुत डरता था इसलिए जब पुलिस ने परिवार वालों पर दबाव बनाया तो वह आधे रास्ते से ही ट्रेन से उतर कर वापस आ गया।

सवाल- राघव अगर पकड़े जाने के डर से ही भाग कर गया था तो सिर्फ घर वालों के फोन करने भर से ही कैसे ट्रेन को आधे रास्ते में छोड़ कर वापस आ गया और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया?

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कातिल पर नहीं वजह पर सवाल

निशा हत्याकांड में पुलिस के खुलासे पर सवाल सिर्फ कत्ल की वजह पर ही उठ रहे हैं। राघव को कातिल साबित करने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त सबूत हैं। सीसीटीवी फुटेज जिसमें डीआईजी के मुताबिक कत्ल के बाद वह गांजा पी रहा था। आला कत्ल की राघव के घर से बरामदगी, खून से सने कुर्ते व लूटे हुए माल की बरामदगी सब चीख चीख कर उसके कातिल होने की गवाही दे रहे हैं। कत्ल के खुलासे में शामिल पुलिस वालों को एडीजी और आईजी दोनों पुरस्कार देने की घोषणा भी की है।