पुलिस का दावा है कि उसने घटना स्थल से 17 शव बरामद किए है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर पा रहे हैं कि जिन लोगों के शव बरामद हुए हैं वो सबके सब नक्सली हैं।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के अनुसार अभी तक सिर्फ पांच लोगों के शवों की शिनाख्त ही हो पाई है। बीजापुर से जो खबरें आ रहीं हैं कि वहाँ जमा हो गए ग्रामीण कह कर रहे हैं कि मारे गए ज़्यादातर लोग आम ग्रामीण हैं। पुलिस ने कहा है कि उन्होंने घायल होने के बाद दो नक्सलियों को गिरफ़्तार किया है।

मुठभेड़

अधिकारियों का कहना है कि यह मुठभेड़ गुरूवार देर रात शुरू हुई थी जब पुलिस बल सुकमा और बीजापुर के इलाके से बासागुडा के घने जंगलों की तरफ अभियान चला रहा था। पुलिस का कहना है कि उसने जंगलों में पनाह लिए माओवादी छापामारों को चारों तरफ से घेर लिया था। इसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई। अग्रवाल का कहना है कि इस इलाके से सुरक्षा बलों नें बड़े पैमाने पर हथियार और दूसरी सामग्री बरामद की है जिसका इस्तेमाल नक्सली किया करते थे।

मुठभेड़ में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के छह जवान घायल बताये जाते हैं जिन्हें घटना के बाद रायपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान घायल हुए दो संदिग्ध नक्सलियों को भी इलाज के लिए रायपुर भेजा गया है। बीजापुर से जो खबरें आ रहीं हैं उनके अनुसार इस इलाके में घटना के बाद ग्रामीणों का बड़ा जमावड़ा है जो दावा कर रहे हैं कि मारे गए ज़्यादातर लोग आम ग्रामीण हैं।

ग्रामीणों के आरोप को ख़ारिज करते हुए प्रशांत अग्रवाल कहते हैं कि जिनके शव बरामद हुए हैं उनमे से कुछ तो माओवादी छापामार हैं और बाकी के सब माओवादी समर्थक। पुलिस का यह दावा तब है जब 12 शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।

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