-अनुपम नगर में पत्‌नी की हत्या करने के बाद सिपाही ने एसएसपी आवास पर किया सरेंडर

-कथित कॉन्सटेबल से कोर्ट मैरिज करने से नाराज था पति, पति को छोड़कर जा रही थी महिला

BAREILLY: सुभाषनगर के अनुपम नगर में एक महिला की गमछे से गला दबाकर हत्या कर दी गई। महिला की हत्या पति ने ही बेवफाई करने के चलते की। महिला ने पति को धोखा देकर कथित कॉन्सटेबल से कोर्ट मैरिज कर ली थी। जब पति को इसका पता चला तो उसने पत्‌नी को काफी समझाया। उसके हाथ जोड़े, पैर पकड़े और मासूम बेटे की दुहाई भी दी लेकिन पत्‌नी नहीं मानी। पत्‌नी उसे छोड़ने के साथ बच्चे को भी लेकर जा रही थी जिससे उसे गुस्सा आ गया ओर उसने पत्‌नी की हत्या कर दी। हत्या के बाद वह सरेंडर करने एसएसपी आवास पहुंच गया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वह बच्चे से इतना ज्यादा प्यार करता है कि थाने की हवालात में बंद होने के बाद वह अपने बच्चे से दूर नहीं रह पा रहा था और बच्चा मां की मौत और पिता के जेल जाने से बेखबर था।

 

बेड पर पड़ी थी मुंह के बल

अनुपम नगर की गली नंबर 10 में छाया गुप्ता रहती थी। उसने 18 मई 2013 संजीव वर्मा के साथ लव मैरिज की थी। उनका डेढ़ वर्ष का बच्चा वंश है। छाया और संजीव दोनों सस्ता साड़ी भंडार पर काम करते थे और यहीं दोनों की मुलाकात हुई थी। फ्राइडे को दोपहर करीब 3 बजे छाया गुप्ता घर छोड़कर जा रही थी तो संजीव ने उसका गमछे से गला घोंट दिया। छाया की डेड बॉडी बेड पर मुंह के बल उलटा पड़ी हुई थी। मकान मालिक राजकुमार ने यूपी 100 को सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची तो उसके गले में गमछा पड़ा हुआ था। फोरेंसिक टीम को बुलाया गया तो गले पर गमछे के निशान थे। जिससे साफ हो गया कि महिला की हत्या की गई है। जब पुलिस ने महिला के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि उसका पति संजीव वर्मा, बच्चे वंश को लेकर गायब हो गया है।

 

हत्या के बाद भाई के घर पहुंचा

महिला की हत्या के बाद पुलिस ने परिजनों को सूचना दी और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और पति की तलाश में जुट गई। अभी पुलिस कागजी कार्रवाई ही कर रही थी कि सूचना मिली संजीव वर्मा, बच्चे के साथ एसएसपी आवास पहुंच गया है। उसने एसएसपी आवास पहुंचकर पीआरओ को पूरी बात बताई। पीआरओ ने एसएसपी को जानकारी दी और फिर तुंरत सुभाषनगर पुलिस को मौके पर बुलाकर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले वह अपने भाई के घर गया था।

 

साड़ी सेंटर में हुई थी मुलाकात

पुलिस हिरासत में संजीव ने बताया कि वह मूलरूप से चक महमूद पुराना शहर का रहने वाला है। उसकी पहली पत्‌नी उसे छोड़कर चली गई थी। वह बच्चों को भी लेकर गई थी जिससे वह पूरी तरह से टूट गया था। इसी दौरान उसकी मुलाकात साड़ी सेंटर में काम करने के दौरान छाया से हुई। साथ-साथ काम करते वक्त कब दोनों एक दूसरे के हो गए पता नहीं चला। उसके बाद उसने छाया से शादी का प्रस्ताव रखा। छाया के माता-पिता की अनुमति के बाद दोनों ने शादी कर ली। वह उसके बाद किराये पर घर लेकर सुभाषनगर में रहने लगा।

 

छाया बोली बड़ी गलती कर दी

संजीव ने बताया कि पिछले मंडे को छाया ने उससे कहा कि उसने एक बड़ी गलती कर दी है लेकिन वह नहीं बताएगी। जिसके बाद उसने कई बार पूछा और कहा कि वह किसी को नहीं बताएगा तो छाया ने बताया कि उसने किला थाना में तैनात रहे कथित कॉन्सटेबल अर्पित से कोर्ट मैरिज कर ली है। संजीव को इस पर भरोसा ही नहीं हुआ। उसने बेटे की कसम खाकर बोलने के लिए कहा तो उसने कसम खाकर कहा कि हां उसने शादी कर ली है। उसने फिर छाया को उसके भाई की कसम खिलवाई तो उसे यकीन हो गया। जिसके बाद उसने अपने ससुर अनिल को बताया तो वह भी टेंशन में आ गए। सैटरडे को सास-ससुर को घर बुलाया तो उन्होंने भी छाया को समझाने की कोशिश की लेकिन उसने कह दिया कि वह फ्राइडे को अर्पित के साथ चली जाएगी।

 

मेरे जीने का सहारा मत छीनो

फ्राइडे को छाया जाने के लिए कपड़े पैक कर रही थी तो उसने काफी समझाया। छाया ने कहा कि वह उसे किला थाना छोड़ दे। जब उसने किला थाना छोड़ने से मना किया तो उसने कहा कि वह उसे मायके छोड़ दे, जहां से वह चली जाएगी। इस पर उसने हाथ-पैर जोड़ना शुरू कर दिया। छाया, वंश को भी साथ लेकर जा रही थी तो उसने कहा कि वह वंश के बिना नहीं रह सकता। उसके जीने का सहारा ही छिन जाएगा। इस पर भी जब छाया नहीं मानी तो फिर उसने गुस्से में गमछे से उसका गला दबा दिया।

 

भाई बनकर रहता था सिपाही

जब छाया की हत्या हो गई तो कथित सिपाही मौके पर पहुंच गया। उसने पुलिस और मीडिया कर्मियों के सामने खुद को छाया का भाई भी बता दिया। जिसके बाद वह वहां से चला गया। वह थाने में भी पहुंच गया। संजीव ने भी बताया कि अर्पित उसकी ससुराल में आता था और छाया उसे अपना भाई बताती थी, जिससे उसे कभी शक नहीं हुआ। वह पहली बार दीपावली पर साली शिखा गुप्ता की शादी में अाया था।

 

पापा और चिप्स दो न

जब संजीव को पुलिस सुभाषनगर लेकर पहुंची तो उसके पास वंश था। पुलिस ने संजीव को हवालात में बंद कर दिया लेकिन वंश उससे दूर नहीं जा रहा था और लगातार रो रहा था। संजीव हवालात के अंदर से ही अपने बेटे को प्यार कर रहा था और मां की मौत और पिता के जेल जाने से बेखबर वंश अपने पापा के साथ खेल रहा था। वह बार-बार पापा से कह रहा था कि पापा और चिप्स दो न। जब वंश की नानी सुभाषनगर थाने पहुंची तो वह उसे लेकर जाने लगीं तो वह पिता से दूर जाने पर रोने लगा। हालांकि बाद में वंश सब भूल गया और सुभाषनगर थाने की टेबिल पर रखे कागजों से खेलने लगा।