-आरोपियों को दूसरे थाने में नहीं गई लेकर

-थाने के बाहर खड़े बवालियों को नहीं देख सकी

BAREILLY :

किला में बवाल बढ़ने की वजह पुलिस की चूक भी है। क्योंकि जब भी कोई बड़ा मामला होता है तो पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद भी उसे तुरंत थाने में नहीं लाती है बल्कि शहर के किसी दूसरे थाने में ले जाती है ताकि उस पर भीड़ हमला न कर दे, लेकिन किला पुलिस ने ऐसा नहीं किया। किला पुलिस समझ रही थी कि थाने से भीड़ छंट गई है लेकिन कुछ लोग थाने के बाहर खड़े होकर आरोपियों के आने का इंतजार करते रहे। जैसे ही पुलिस चाहबाई से आरोपियों को पकड़कर लाई, उससे पहले ही भीड़ ज्यादा बढ़ गई और फिर पुलिस की जीप की थाने में एंट्री होते ही हमला बोल दिया।

सावन को लेकर बढ़ी टेंशन

इस बवाल के बाद पुलिस की टेंशन अब सावन को लेकर और बढ़ गई है। कुछ दिनों बाद सावन की शुरुआत होने वाली है और सावन में हजारों कांवडि़ए जाते हैं। कई बार रूट को लेकर बवाल हो चुके हैं। शहर में वर्ष 2012 और 2010 में दंगे भी हो चुके हैं। रुरल एरिया में भी जगह-जगह विवाद होते रहते हैं। बीते वर्ष खैलम में भी बड़ा विवाद हुआ था। ऐसे में अब पुलिस को ज्यादा अलर्ट रहना होगा।

मॉब लिचिंग नहीं रुक रही

सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग को लेकर सरकार को सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने राज्यों को भी अलर्ट किया है लेकिन भीड़तंत्र अपना गुस्सा निकालने पर लगी हुई है। किला थाना में जो हुआ वह भीड़तंत्र ही है, जिसने कानून का उल्लंघन कर खुद आरोपियों को सजा देने की कोशिश की। पुलिस पर हमला बोल दिया। बरेली में इस तरह की भीड़ तंत्र के हमले की वारदातें आए दिन सामने आती रहती हैं।

सोशल मीडिया पर जहर जारी

व्हाट्सएप को सरकार की फटकार और व्हाट्सएप में बदलाव के बाद भी व्हाट्सएप पर जहर उगला जा रहा है। आए दिन लोग धर्म से जुड़ी आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहे हैं। व्हाट्सएप के अलावा अन्य सोशल मीडिया पर भी जहर उगला जा रहा है। इस जहर पर लगाम कसने वाली साइबर सेल भी नाकाम से ही नजर आती है। जब तक साइबर सेल एक्टिव होती है तब तक काफी देर हो चुकी होती है।