- अक्टूबर महीने में घर के पास बोरे में मिली थी लाश

- अपहरण करना चाहते थे, हो गया मर्डर

आगरा। थाना कोतवाली में अक्टूबर को घर से बाहर गायब हुए 12 वर्षीय किशोर का शव घर के पास ही बोरे में बंद मिला। इसके बाद परिवार के पास फिरौती का कॉल आया और एक पत्र भी मिला। पुलिस तभी से मामले की तफ्तीश करने में जुटी थी। दस महीने बाद पुलिस ने मामले के दो हत्यारोपियों को पकड़कर गुत्थी सुलझा दी है, जबकि एक फरार है। रुपयों के लिए आरोपियों ने अपहरण किया था।

अचानक से हुआ था गायब

खारी कुआं वाली गली निवासी 12 वर्षीय अब्दुल्ला 15 अक्टूवर 2018 को शाम साढ़े आठ बजे घर के बाहर था। वह वहीं से अचानक गायब हो गया। उसका शव रात में घर के पास बोरे में मिला। शव देख कर परिजनों के होश उड़ गए। मृतक के पिता का जामा मस्जिद के पास बेकरी का काम है। बच्चे की मौत के दो महीने बाद धमकी भरा खत मिला कि मामले में चुप्पी साध लें वरना दूसरे को भी मार देंगे। बॉडी मिलने से पहले मोबाइल पर 6 लाख की फिरौती का फोन भी आया था।

हैंड राइटिंग से पुलिस ने पकड़ा

परिजनों के पास जो पत्र आया पुलिस ने उसकी राइटिंग का मिलान किया तो वह रानू उर्फ इकबाल पुत्र अब्दुल कादिर निवासी सावन कटरा की निकली। रानू की पीडि़त के घर के पास ही दुकान है। पुलिस ने मामले में पड़ताल की। अब जाकर पुलिस ने मजबूत साक्ष्य तैयार कर रानू और उसके साथी राशिद पुत्र अब्दुल सलाम निवासी खारी कुआं वाली गली को पकड़ लिया।

रिश्तेदार भी हत्या में शामिल

पुलिस के मुताबिक मामले में मृतक अब्दुल्ला के ताऊ का बेटा आसिफ पुत्र नसीम निवासी सिकंदरा भी शामिल है। वह अभी फरार चल रहा है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में निकल कर आया कि आरोपी किशोर की हत्या नहीं करना चाहते थे लेकिन जब उन्होने अपहरण किया तो उसका मुंह दबा दिया। उसकी दम घुटने से मौत हो गई। उन्होंने शव को बोरे में बंद कर घर के पास छोड़ दिया।

पति-पत्‍‌नी में चल रहा है विवाद

पुलिस के मुताबिक आरोपी इकबाल का पत्‍‌नी से विवाद चल रहा है। उसे समझौते के लिए 5 से 6 लाख रुपये की जरुरत थी। राशिद, इकबाल और आसिफ दोस्त हैं। इनको पता था कि किशोर का परिवार सीधा है। वह किसी से शिकायत नहीं करेंगे। इसीलिए अपहरण का प्लान बनाया। इकबाल ने फिरौती के लिए कॉल किया था। सिम फर्जी आईडी से ली गई थी।