चौराहों पर कहीं भी नहीं है स्थाई आईलैंड

अस्थाई आईलैंड पर छत न होने से बढ़ रही परेशानी

पानी के लिए परेशान होते हैं ट्रैफिक पुलिस कर्मी

आगरा। पारा 41 के पार है। धूप की तल्खी शबाव पर है। सिर पर कोई छाया नहीं। दूर-दूर तक बादल घिरने के आसार भी नहीं। उसी बीच वाहनों की चिल्ल-पौं। दोनों हाथ कभी ट्रैफिक थाम रहे हैं, तो कभी ट्रैफिक को चला रहे हैं। पसीने से लथपथ वर्दी और चेहरा है। फिर भी एक दो नहीं बल्कि चार-चार घंटे लगातार चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के सिपाही तैनात हैं। जी हां यह चैलेंजिंग जॉब आजकल ट्रैफिक पुलिस के सिपाही कर रहे हैं। जिस धूप में निकलने से आप कतरा रहे हैं, उस मौसम की तल्खी में वह चार-चार घंटे खडे़ होकर बिताते हैं।

शिफ्ट के हिसाब से लगती है ड्यूटी

ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की चार-चार घंटे के हिसाब से ड्यूटी लगती है। हर चार घंटे में पुलिसकर्मी चेंज हो जाता है। सुबह से दोपहर के चार घंटे पुलिस कर्मियों पर बहुत भारी होते हैं चूंकि इस दौरान तेज धूप में काम करना होता है साथ ही ट्रैफिक भी कम नहीं है। ऐसे में हालत खराब हो जाती है फिर भी हांफते हुए ट्रैफिक काम करते हुए दिखाई देते हैं। चौराहों पर ट्रैफिक कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। चौराहों की स्थिति के हिसाब से उनकी संख्या तय हाती है। बड़े चौराहों पर एक टीएसआई, दो सिपाही व दो होम गार्ड, छोटे चौराहों पर एक टीएसआई, एक सिपाही, एक होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन चौराहों पर गर्मी में सबसे बड़ी समस्या है पीने के पानी का न होना। इसको लेकर काफी समस्या का सामना करना पड़ता है।

दिखावे के हैं आईलैंड

कुछ स्थानों पर अस्थाई आईलैंड लगवाए हैं, लेकिन वह दिखावे के हैं। उनके ऊपर छत नहीं है। आईलैंड पर जाने पर धूप सीधी ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर पड़ती है।

खरीदकर पीते हैं पानी

ट्रैफिक पुलिसकर्मी बोतल में पानी खरीद कर लाते हैं, लेकिन वह पानी भी आधे घंटे में उबल जाता है। पुलिसकर्मी धूप में गरम पानी पीने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा उनको खुद वॉटर कूलर लेना पड़ रहा है। अस्थाई आईलैंड भी धूप से ट्रैफिक कर्मियों को नहीं बचा पाते कई स्थानों पर आईलैंड शोपीस बने हुए हैं।