- स्वच्छता सर्वेक्षण कार्यक्रम को भी निगम ने लगा दिया पलीता

- शहर भर में पॉलीथिन में बेरोकटोक बेचा जा रहा है सामान

बरेली : शासन की ओर से करीब दो साल पहले लागू किए गए स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान को नगर निगम ही पलीता लगा रहा है। पॉलीथिन मुक्त हुआ शहर यह सिर्फ बैनर और होर्डिग में ही सिमट कर रह गया। शहर में शुरुआत में तो सफाई, कूड़ा निस्तारण समेत प्लास्टिक बैग बैन संबंधी व्यापक रूप से अभियान चलाए गए, जिसका परिणाम भी सकारात्मक रहा। निगम ने दुकानों में औचक छापेमारी कर सैकड़ों कुंतल पॉलीथिन जब्त की गई। शहर के सभी चौराहों पर जागरूकता संबंधी होर्डिग-बैनर से पाट दिया गया, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों ने पॉलीथिन बंदी के अभियान को ठंडे बस्ते में डाल दिया। हैरत की बात तो यह है कि करीब दो माह से शहर में दुकानों पर छापेमारी नहीं की गई है, जिससे बेखौफ दुकानदार नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

राजस्व की क्षति, फिर भी मौन

नियमित रूप से अगर पॉलीथिन बंदी को लेकर छापेमारी की जाती तो राजस्व में भी बढ़ोत्तरी होती, लेकिन निगम को इस बात की भी परवाह नहीं है। पूर्व में हुई छापेमारी से दुकानदारों पर डाले गए जुर्माने से राजस्व को लाखों का फायदा हुआ था।

नीचे पॉलिथीन ऊपर बंदी का संदेश

हैरत की बात तो यह है कि चौराहों पर लगे पॉलिथीन बंदी के होर्डिग बैनर के नीचे ही इस्तेमाल की गई पॉलिथीन का ढेर लगा हुआ है और उसके ठीक ऊपर ही होर्डिग पर पॉलिथीन बंदी का संदेश लिखा हुआ है, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर कभी नहीं जाता।

वर्जन

बोर्ड मीटिंग में व्यस्तता के चलते छापेमारी नहीं की गई है। अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा। इसके लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन भी कर दिया गया है।

ललतेश सक्सेना, कर निर्धारण अधिकारी।