- बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने किया सहसपुर मदरसे का निरीक्षण

- कई स्टूडेंट्स नहीं बता पाए देश का नाम, कुछ ने कहा हमारे देश का नाम यूपी

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DEHRADUN: मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का शैक्षिक स्तर क्या है इसकी हकीकत गुरुवार को तब सामने आ गई, जब बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने रामपुर ब्लॉक के सहसपुर के एक मदरसे का इंस्पेक्शन किया और स्टूडेंट्स ने सवाल पूछे। आलम यह देखने को मिला कि वहां पढ़ रहे स्टूडेंट्स को यह तक नहीं पता था कि हमारे देश का नाम क्या है। एक बच्चे ने तो यह तक कह डाला कि भारत देश टीपू सुल्तान ने आजाद कराया। ये जवाब सुनकर आयोग की टीम को भी आश्चर्य हुआ। टीम ने मदरसा संचालकों को पठन-पाठन की स्थिति सुधारने की चेतावनी दी गई है।

देश का नाम बताया उत्तर प्रदेश

गुरुवार को बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने सदस्य शारदा त्रिपाठी, सीमा डोरा, विकासनगर के तहसीलदार प्रकाश शाह के साथ रामपुर ब्लॉक के सहसपुर मदरसे का औचक निरीक्षण किया। अध्यक्ष ऊषा नेगी ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों से क्वेश्चंस पूछे तो वे तब हैरान हो गईं, जब उन्होंने स्टूडेंट्स ने जवाब सुने।

आयोग की टीम के सवाल, बच्चों के जवाब

- आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने मदरसे के एक स्टूडेटसें से पूछा, कि देश को किसने आजाद कराया, तो बच्चों ने जवाब दिया टीपू सुल्तान।

- सातवीं क्लास के एक स्टूडेंट से देश का नाम पूछा तो जवाब मिला, उत्तर प्रदेश।

- कई बच्चों को देश का नाम ही पता नहीं था।

- स्टूडेंट्स से पूछा गया कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं, तो जवाब में कई बच्चों ने कहा मौलवी।

संचालकों पर भड़की टीम

- बच्चों के इस तरह के जवाब सुनकर बाल आयोग की टीम ने गहरी नाराजगी जताई और मदरसा संचालकों को फटकारा। टीम ने सवाल उठाया कि अगर सातवीं के स्टूडेंट्स को अपने देश की जानकारी नहीं है तो उन्हें कैसी शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने मदरसा संचालकों को पठन-पाठन की व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी।

सिर्फ मौलवी बनना चाहते हैं बच्चे

बाल आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बच्चों से पूछा कि वे डॉक्टर या इंजीनियर बनकर देश की सेवा क्यों नहीं करना चाहते तो बच्चों ने जबाव दिया कि मदरसे में हम मौलवी बनने के लिए ही शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस पर अध्यक्ष ने नाराजगी जताते हुए शिक्षकों को कहा कि आप इन बच्चों को दुरुस्त शिक्षा दें और इनको देश सेवा में कार्य करने की प्रेरणा दें। अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भविष्य में इस प्रकार की शिकायत दोबारा मिलेगी तो आयोग द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।