छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के गम्हरिया स्थित इंडक्शन फर्नेस कंपनी कृष्णा लक्ष्मी स्टील उद्योग प्राइवेट लिमिटेड में करीब चार करोड़ की बिजली चोरी पकड़ी गई है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के जीएम एएन मिश्रा द्वारा गठित अधिकारियों की टीम ने कंपनी पर छापा मारकर बिजली चोरी का खुलासा किया है। तीन करोड़ 93 लाख 59 हजार 520 रुपये की बिजली चोरी का आकलन किया गया है।

जांच में पता चला कि रात में ब्रेकर में हुक लगाकर इंडक्शन फर्नेस चलाई जा रही है। इस मामले में कंपनी के निदेशक देवेंद्र कुमार के खिलाफ आदित्यपुर थाने में बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। कंपनी के निदेशक से तीन करोड़ 93 लाख 59 हजार 520 रुपये की रकम वसूली जाएगी।

अधिकारियों को मिली थी जानकारी

कंपनी के दस्तावेज में निदेशक का पता दिल्ली का नांगलोई दर्ज है। गम्हरिया ग्रिड के नजदीक स्थित कृष्णा इंडस्ट्रियल इंडक्शन फर्नेस है। कंपनी में दो इंडक्शन फर्नेस लगाई गई हैं। कंपनी ने बिजली विभाग से 2800 किलो वाट लोड का कनेक्शन लिया है। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि कंपनी में बिजली चोरी हो रही है। इस पर अधिकारी कंपनी की निगरानी कर रहे थे। कंपनी में दिन में तो मीटर तेजी से चलता था लेकिन रात को एक भी यूनिट नहीं चलता था। इस पर महाप्रबंधक ने कंपनी में छापामारी करने का आदेश दिया। छापामारी करने के लिए बनाई गई टीम में अधीक्षण अभियंता मनमोहन कुमार, घाटशिला के कार्यपालक अभियंता आनंद कौशिक, जमशेदपुर के कार्यपालक अभियंता प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, एमआरटी के असिस्टेंट इंजीनियर इरफान और आदित्यपुर के कार्यपालक अभियंता एसपी सिंह शामिल थे। बिजली विभाग की टीम ने शनिवार की रात करीबन 12:00 बजे अचानक कृष्णा इंडस्ट्रियल कंपनी पर छापेमारी की।

जांच में जो सामने आया उसे देख कर अधिकारी हैरान रह गए। कंपनी में इंडक्शन फर्नेस चल रही थी। लेकिन बिजली विभाग का मीटर खामोश था। जांच करने पर पता चला कि बिजली के मुख्य तार को मीटर से हटा दिया गया है और सीधे हुक लगाकर इंडक्शन फर्नेस चलाई जा रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों को देखकर कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।

मीटरिंग यूनिट की जांच

आदित्यपुर के कार्यपालक अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि जांच का काम रविवार की सुबह 7:00 बजे तक चला। इसके बाद दोपहर बाद दो बजे तक चोरी का आकलन किया गया और कागजी कार्रवाई हुई। मीटरिंग यूनिट की जांच हुई। चेक मीटर को भी खंगाला गया। एमआरटी के सहायक अभियंता ने मीटर की जांच की तो पता चला कि बिजली चोरी का यह खेल एक साल से चल रहा है। इस वजह से कंपनी पर तीन करोड़ 93 लाख 59 हजार 520 रुपये का जुर्माना ठोका गया है। साथ ही आदित्यपुर थाने में कार्यपालक अभियंता एसपी सिंह के बयान पर कंपनी के निदेशक देवेंद्र कुमार के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। कंपनी का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है।

लोड बढ़ने से हुआ शक

स्टील बनाने वाली कंपनी कृष्णा लक्ष्मी स्टील के बगल से बिजली का एक तार गुजरा है। विभाग के अधिकारियों ने देखा कि रात में अक्सर इस तार में लोड बढ़ जाता है जबकि कृष्णा लक्ष्मी स्टील के कनेक्शन वाले तार में लोड घट जाता है। इसी से शक के आधार पर कंपनी पर छापामारी कर सच्चाई का पता लगाने की योजना बनी।

आठ माह बाद हुई कार्रवाई

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने तकरीबन आठ महीने बाद कार्रवाई की है। इसके पहले विभाग ने जिले में सात-आठ कंपनियों में इसी तरह करोड़ों की बिजली चोरी का खेल उजागर किया था। लेकिन, इधर बीच कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस साल विभाग की बिजली चोरी में ये बड़ी कार्रवाई है।