i reality check

-मूलभूत सुविधाओं लिए परेशान हैं एसआरएन हॉस्पिटल के मरीज

-कैंपस में फैली है गंदगी, आवारा जानवर पहुंचाते हैं मरीजों को नुकसान

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: एसआरएन में आए हैं तो जो जैसा मिल रहा है इलाज करवाइए या फिर कहीं और जाइए। जीहां, यहां पर मरीजों को पूरा इलाज मिल जाए यही बहुत है। हवा, पानी, साफ-सफाई व्यवस्था की उम्मीद करना बेमानी है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आई हकीकत आप भी जानिए

स्पॉट-1 टाइम: दोपहर 12.30

कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं जानवर

मंडल के सबसे बड़े एसआरएन हॉस्पिटल की नई बिल्डिंग में रोजाना हजारों लोग इलाज कराने आते हैं। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक मरीजों की जबरदस्त भीड़ होती है। रिपोर्टर ने मौके पर देखा कि दवा काउंटर और रजिस्ट्रेशन विंडो के नजदीक आवारा जानवर मौजूद हैं। मरीज और परिजन इनसे बचकर निकल रहे हैं। खतरनाक जानवरों से हॉस्पिटल प्रशासन भी आंखें फेर चुका है।

स्पॉट-2 टाइम: दोपहर 12.50

कैंपस के बीचों-बीच कूड़ा अड्डा

हॉस्पिटल की पुरानी बिल्डिंग में ग्राउंड फ्लोर पर स्थित हड्डी रोग वार्ड के बगल के हाते को कूड़ा घर बना दिया गया है। यहां मरीज और बाकी लोग कूड़ा फेंक देते हैं। इससे गंदगी के साथ मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। मरीजों का कहना है कि अगर समय रहते कूड़ा नहीं हटाया गया तो भर्ती मरीजों को कई संक्रामक रोगों का सामना करना पड़ सकता है।

स्पॉट-3 टाइम: दोपहर 1.15

मरीजों को कब मिलेगी दवा

नई बिल्डिंग में बनाए गए दवा वितरण केंद्र के बाहर मरीजों की लाइन लगी हुई थी। ओपीडी से आए मरीज अपना पर्चा दिखाकर दवा मांग रहे थे। काउंटर के भीतर तीन-चार महिला व पुरुष कर्मचारी गप्प लड़ाने में मशगूल थे। जब मरीज ने अधिक दबाव बनाया तो उसने साफ तौर पर कहा कि दवा नहीं है। स्टॉक होगा तब मिलेगी। ऐसा जवाब कई मरीजों को दिया गया। ईएनटी स्पेशलिस्ट को दिखाने आई 42 साल पुष्पा शर्मा इस रवैये से काफी नाराज दिखीं।

स्पॉट-4 दोपहर 1.30

वॉटर कूलर को बना दिया गुसलखाना

हॉस्पिटल में एक या दो वॉटर कूलर ही ठीक काम कर रहे हैं। इनमें से एक मशीन एसआईसी आफिस के ठीक पीछे लगी है। मरीज और परिजनों ने फिलहाल इस वाटर कूलर को गुसलखाना बना लिया है। वह यहां कपड़े के साथ खाने के बर्तन धुलते हैं। इससे चारों ओर गंदगी फैली रहती है। जिन लोगों को ठंडा पानी पीना है उन्हें इससे काफी कठिनाई होती है। एसआईसी का स्टाफ भी इस पर रोक नहीं लगाता।

स्पॉट-5 दोपहर 1.50

लाइट है फिर भी नहीं चलता पंखा

तीसरी मंजिल पर स्थित वार्ड नंबर बारह में गर्मी के मौसम में जबरदस्त उमस और गर्मी होती है। पर मरीजों ने यहां पर कई बार कूलर लगाए जाने की मांग की है। यह मांग तो पूरी नहीं हुई, उल्टे इस वार्ड के कई पंखों ने भी काम करना बंद कर दिया है। इन पंखों की मरम्मत भी नहीं हो रही है। शुक्रवार को कई मरीजों ने गर्मी का रोना रिपोर्टर के सामने रोया।

हॉस्पिटल में नए कूलर, पंखे और एसी लगने के साथ इनकी मरम्मत का सिस्टम भी बदला जा रहा है। जब खराब उपकरण तत्काल ठीक होंगे। बजट अधिक आने से दवाओं का वितरण जल्द कराया जाएगा। सितंबर तक रुक जाइए, सभी व्यवस्था चाक चौबंद कर दी जाएगी।

-प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज