पीएम आवास योजना के वाह्य विकास में खर्च होगी शहर के विकास में लगने वाली अवस्थापना निधि

अवस्थापना निधि में 45 करोड़ रुपये, पीएमएवाई में खर्च होंगे 53 करोड़ रुपए, 8 करोड़ का संकट

पूर्व की योजनाओं में अटका पड़ी है करोड़ों की धनराशि

Meerut : अवस्थापना निधि से प्रधानमंत्री आवास योजना के वाह्य विकास कराने के शासनादेश ने एमडीए समेत सूबे विभिन्न प्राधिकरणों के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। आलम यह है कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 10 हजार पीएमएवाई के निर्माण के साथ वाह्य विकास के मद में प्राधिकरण ने 53 करोड़ का एस्टीमेट बनाया है, जबकि मौजूदा समय में अवस्थापना निधि में प्राधिकरण के खाते में महज 45 करोड़ रुपए है। ऐसे में शहर के अन्य विकास कार्य न सिर्फ प्रभावित होंगे बल्कि बड़ी परियोजनाओं पर विचार करना अब प्राधिकरण के लिए मुश्किल होगा।

ये है मामला

अधिकारी रोजाना योजना की प्रगति की मॉनीटरिंग कर रहे हैं तो वहीं प्राधिकरणों को न तो जमीन मिल रहा है और न ही डेवलेपमेंट के लिए फंड। बात करें मेरठ विकास प्राधिकरण की तो केंद्र सरकार ने एमडीए को 10 हजार प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करने का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए दिया है। 1088 प्रधानमंत्री आवास का एमडीए शताब्दीनगर, लोहियानगर और सराय काजी में अपनी जमीन पर निर्माण कर रहा है जबकि 9912 आवासों के लिए जमीन की तलाश तेज है।

करना होगा वाह्य विकास

प्रधानमंत्री आवास के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण को विभिन्न साइट्स पर बाह्य विकास करना होगा। योजना के तहत 4.50 लाख रुपये लागत के प्रधानमंत्री आवास के लिए केंद्र सरकार 1.5 लाख रुपये देगी जबकि 1 लाख रुपये राज्य सरकार वहन करेगी। और 2 लाख रुपए लाभार्थी को देने होंगे। आवास की लागत के अलावा परिसर में बाह्य विकास जैसे-सड़क, सीवर लाइन, लाइटिंग, प्रकाश की व्यवस्था, बाउंड्री, सुरक्षा का बंदोबस्त एमडीए करेगा।

एक नजर में

10 हजार आवास मेरठ में बनाने का लक्ष्य

1088 आवास का निर्माण कार्य आरंभ

8912 प्रस्तावित आवास

4.5 लाख रुपए एक आवास की लागत

1.50 लाख रुपए केंद्र सरकार का अंशदान

1 लाख रुपए राज्य सरकार का अंशदान

2 लाख रुपए लाभार्थी का अंशदान

53 करोड़ रुपए वाह्य विकास का प्रस्तावित बजट

45 करोड़ रुपए एमडीए की अवस्थापना निधि

8 करोड़ रुपए कहां से आएगा, कुछ पता नहीं

यह भी है संकट

पूर्व बसपा कार्यकाल के दौरान बनाए गए कांशीराम आवासों में सूबे के ज्यादातर प्राधिकरणों का खजाना खाली कर दिया। आलम यह था कि शहरों का विकास करना तो दूर प्राधिकरण संसाधन तक जुटाने को मोहताज हो गए थे। पूर्व सपा कार्यकाल के दौरा सिर्फ मेरठ में करीब 100 करोड़ रुपये समाजवादी आवास योजना में फंस गया है। योजना के तहत निर्माणाधीन बहुमंजिला फ्लैट्स की बिक्री नहीं हुई तो सरकार बदलते ही समाजवादी आवास का निर्माण कार्य ठप हो गया। प्राधिकरण की अवस्थापना निधि समाजवादी आवास के निर्माण में खप गई तो अभी भी करोड़ों रुपये की ठेकेदारों की बकाएदारी प्राधिकरण पर है। रही-सही कसर प्रधानमंत्री आवास योजना पूरी कर देगी।

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कमिश्नर के निर्देशन में अवस्थापना निधि को पीएमएवाई के मद में खर्च किया जाएगा। शहर के विकास के लिए कुछ न कुछ धनराशि को निकालने का प्रयास किया जाएगा। बाह्य विकास में कम से कम खर्च हो इसके लिए प्राधिकरण का प्रयास है कि बड़े भूभाग पर बड़ी संख्या में पीएमएवाई का निर्माण कर दिया जाए।

-साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए