नहीं पहुंची वन विभाग की टीम तो अजगर को घर ले गए

10 फिट लम्बा और वजन था 13 किलो, देखने में किंग कोबरा जैसा

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PRAYAGRAJ: संडे की छुट्टी थी। ऐसे में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में भी अवकाश था। अवकाश के चलते विवि के साइंस फैकेल्टी में सन्नाटा पसरा था। इस बीच दिन में कैम्पस में मौजूद कुछ लोगों ने एक पेड़ पर भारी भरकम अजगर की मौजूदगी को लेकर हल्ला मचाया। पेड़ पर मौजूद अजगर के रेंगने और उसके फुफकारने की आवाज से लोग इतने खौफजदा थे कि किसी की भी हिम्मत पेड़ के समीप जाने की नहीं हो रही थी।

पलक झपकते पेड़ पर चढ़े

तब सभी को बॉटनी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एनबी सिंह की याद आई। तब फोन करके प्रो। एनबी सिंह को कैम्पस में अजगर की मौजूदगी की सूचना दे दी। सूचना पर प्रो। एनबी सिंह मौके पर पहुंचे। फिर पलक झपकते लोहे की रेलिंग के सहारे पेड़ पर चढ़ गए। काले गहरे रंग के अजगर को काबू करने में प्रो। सिंह को काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन अंतत: उन्होंने अजगर को पकड़ लिया। प्रो। सिंह ने बताया कि अजगर को काबू में करना काफी मुश्किल रहा। इसकी लम्बाई करीब 10 फिट थी और वजन भी 13 किलो के आसपास है। यह देखने में किंग कोबरा जैसा लगता है।

दुर्लभ प्रजाति का है

उन्होंने बताया कि यह अजगर साइंस फैकेल्टी में चन्द्रशेखर आजाद पार्क के सामने मौजूद विवि के गेट के भीतर मौजूद पेड़ पर रेंग रहा था। यह दुर्लभ प्रजाति का है। वन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। तब प्रोफेसर ने कहा कि अजगर को जुलोजी विभाग के विशेषज्ञों को दिखाया जाएगा। इसकी जानकारी जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को भी दी जाएगी। यह अजगर शोध का विषय हो सकता है।

अजगर में इतना बल है कि वह असुरक्षित तरीके से पकड़े जाने पर हाथ पैर की हड्डी और पसलियां तक तोड़ देने की ताकत रखता है। इसका क्या करना है? अभी इस पर विचार कर रहा हूं।

प्रो। एनबी सिंह, बॉटनी डिपार्टमेंट इलाहाबाद यूनिवर्सिटी