- ऑनलाइन शॉपिंग के बहाने मैसेज भेज चूना लगा रहे हैकर

- 100 रुपए का सामान 11 रुपए में देने का झांसा महज छलावा

Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR नए साल पर सस्ते दर पर ऑनलाइन शॉपिंग कर ठगी के शिकार हो सकते हैं। फेमस ऑनलाइन कंपनियों के नाम पर फर्जीवाड़ा करके तमाम मैसेज लोगों को भेजे जा रहे हैं। सस्ते से सस्ते दर में सामान खरीदने का झांसा देकर स्मार्टफोन हैक करने का खेल चल रहा है। शहर के हर एंड्रायड उपभोक्ता को ऐसे मैसेज मिल रहे हैं कि वह आसानी से जाल में फंस जाए। क्राइम ब्रांच के सीओ का कहना है कि तमाम कंपनियों के नाम पर जालसाजी की जाती है। डाटा हैक करने से लेकर ऑनलाइन फ्रॉड के लिए इस तरह की हरकतें होती हैं। ऐसे में सजग रहकर जालसाजी से बचा जा सकता है। इस साल दो शिकायतें हुई जिसमें एक महिला पुलिस कर्मचारी भी शामिल है।

मैसेज का क्लोन, देनी होगी पूरी जानकारी
क्राइम ब्रांच से जुड़े लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में ऐसे मैसेज की तादाद बढ़ी है। ब्रांडेड कंपनियों के क्लोन बनाकर साइबर ठग लोगों को मैसेज भेज रहे हैं। स्मार्ट फोन में आने वाले ज्यादातर मैसेज ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों का है। इस मैसेज में जल्द से जल्द आवेदन करने पर 90 फीसदी से ज्यादा का डिस्काउंट देने का झांसा दिया जा रहा है। मैसेज के नीचे लिंक को क्लिक करने पर एक पेज खुलता है जिसमें पूरी डिटेल मांगी जाती है। यह भी बताया जाता है कि कौन सा सामान कितने कम दाम में छूट पर मिल जाएगा। साइट्स पर लिंक खोलकर फंस चुके लोगों का कहना है कि 100 रुपए का सामान मात्र 11 रुपए में देने का दावा महज छलावा है।

सस्ते के चक्कर में फंसते लोग
ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों की तरफ से कुछ दिनों के अतंराल पर स्कीम दी जाती है। छूट का लाभ लेने के लिए ऑफर का इंतजार करते हैं। ऐसे में सामानों का दाम इतना कम होता है कि जो इसमें फंस जाता है वो अपनी सारी जानकारी उपलब्ध करा देता है। साइट्स पर जाने वाले लोगों को असली का भ्रम होने से कोई ठगी को भांप नहीं पाता। इस व्यवस्था में सबसे ज्यादा अट्रैक्शन महिलाओं के बीच होता है। सामानों की लिस्ट में रेट ऐसा रखा जाता है कि वह हर किसी को लुभाने लगता है। इसलिए महिलाएं परचेजिंग को लेकर ज्यादा उत्सुक रहती हैं। साइबर एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए ऐसे ऑफर्स की भरमार लगी रहती है। ऑफर के चक्कर में जो लोग भी साइट खोलते हैं उनको क्लोन विंडो पर भेज दिया जाता है। स्मेकर वेबसाइट के जरिए ऑटो मोड में ऑपरेटिंग सिस्टम का पता लगाकर जानकारी जुटाते हैं। कई बार पेज से बाहर भागने पर साइट किसी को बाहर नहीं जाने देती।

ऐसे करें बचाव

अपने मोबाइल फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट इंस्टॉल करते रहें।

अपने मोबाइल फोन में किसी तरह की रूटिंग खोलने से बचें।

किसी एप को इंस्टॉल करने के पहले उसकी पूरी जानकारी लें।

फर्जी एप से मोबाइल का डाटा चोरी होने का खतरा रहता है।

मोबाइल फोन पर आने वाले मैसेज की हकीकत परखने का प्रयास करें।

फोन के लिए सुरक्षा के नियमों का पालन करके समस्याओं से दूर रहें।

ऐसे ठगी का शिकार बनाती फर्जी साइट्स

सस्ते में सामान बेचने का लिंक मैसेज के जरिए मिलता है।

लिंक खोलने पर संबंधित सामानों की पूरी सूची सामने आ जाएगी।

जो सामान खरीदना है उसका सेलेक्शन करने पर फेमस कंपनी की साइट नजर आएगी।

यह साइट पूरी तरह से फेक होती है। सामान खरीदने के दौरान नया पेज खुलने पर डाटा हैक होने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

सामान की डिलीवरी देने के लिए नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल सहित कई जानकारी लेकर हैकर गड़बड़ी करते हैं।

 

साइबर ठगी के मामले में पुलिस कार्रवाई कर रही है। लेकिन फर्जी या क्लोन बनाकर सामान बेचने वाली कंपनियां ठगी करती हैं। इस तरह के प्रकरणों में कार्रवाई में लंबी प्रक्रिया होती है। ऐसे में जालसाजों का पता लगा पाना मुश्किल होता है। इसलिए सावधानी बरतरकर ही ठगी से बचा जा सकता है.
- प्रवीण कुमार सिंह, सीओ क्राइम ब्रांच

 

वेबसाइट का क्लोन बनाकर हैकर गड़बड़ी करते हैं। फोन को हैक करके वह सारा डाटा जुटा लेते हैं। किसी तरह का ऑफर देने पर लोग जल्दी अट्रैक्ट होते हैं। इसलिए यह तरीका अपनाया जाता है। ऐसे मैसेज के सामने आने पर उसे इनगोर करें। वरना किसी बड़ी मुसीबत में फंसना तय है.
- शशिकांत, साइबर एक्सपर्ट, क्राइम ब्रांच