RANCHI : अगर आप इलाज कराने के लिए रिम्स जा रहे हैं और नेचुरल कॉल की नौबत आ जाए तो फिर आपको टॉयलेट ढूंढना पड़ जाएगा, क्योंकि ओपीडी कॉम्प्लेक्स के पब्लिक टॉयलेट पर अक्सर ताला लटका रहता है। ऐसे में वे खुले में टॉयलेट जाने को मजबूर हो रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि पूरे देश में जोरशोर से स्वच्छता अभियान चल रहा है, लेकिन रिम्स में इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। हालांकि, रिम्स प्रशासन ने कैंपस में जहां-तहां नोटिस बोर्ड लगाकर गंदगी फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की बात लिखी है, लेकिन हकीकत में मानो गंदगी फैलाने की यहीं पूरी तैयारी रखी गई है।

स्टाफ्स के कब्जे में कई टॉयलेट

ओपीडी कांप्लेक्स में मरीजों के लिए हर फ्लोर पर टॉयलेट बने है। लेकिन आधे से अधिक टॉयलेट में स्टाफ्स ने कब्जा कर रखा है। जिसकी चाबी भी उनके डिपार्टमेंट में पड़ी रहती है। अगर कोई चाबी मांग ले तो ऐसा लगता है कि उनकी संपत्ति मांग ली हो। इस डर से लोग बाहर जाने में ही भलाई समझते है। वहीं बाकी बचे टॉयलेट में ताला लटका हुआ है। जिसका खामियाजा इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को झेलना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी तो महिलाओं को होती है।

सुलभ शौचालय में देना होता है चार्ज

हॉस्पिटल कैंपस में सुलभ शौचालय भी है। लेकिन संचालक की मनमानी से लोग वहां भी जाने से कतराते है। शौचालय में यूरीनल का इस्तेमाल करने का कोई चार्ज नहीं है। पर संचालक यूजर्स से उसके बदले में भी पैसे वसूलता है। इससे बचने के लिए लोग कैंपस की दीवारों को भी गंदा करने से बाज नहीं आते।