-शहर में कई जगह लगे हैं पुत्रनजीवा के पेड़, लेकिन ज्यादातर लोग नहीं जानते इसके औषधीय गुण

साइंटिफिक नेम- पुत्रनजीवा रॉक्सवर्धिल

लोकल नेम- पुत्रनजीवा

12-15 फुट तक होती है पेड़ की ऊंचाई

25 साल पूराना पेड़ बीसीबी के पूर्वी गेट के पास लगा है

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अर्थ डे से शुरू हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के कैंपेन डॉक्यूमें 'ट्री' में आज हम आपको पुत्रनजीवा वृक्ष के बारे में बता रहे हैं. औषधीय गुणों से भरपूर पुत्रनजीवा के वृक्ष शहर में कई जगह लगे हैं, लेकिन ज्यादातर लोग इसके औषधीय गुणों से अनजान हैं. जानकारों की मानें तो इस पेड़ से बनी औषधि गर्भवती स्त्री के सेवन करने से उत्तम गुणों वाली संतान जन्म लेती है.

अकाल मृत्यु से बचाव

बरेली कॉलेज के बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रो. आलोक खरे बताते हैं कि पुत्रनजीवा वृक्ष की पत्तियों, फल और छाल में तमाम औषधीय गुण हैं. थारू जनजाति के साथ ही ग्रामीण लोग इस वृक्ष की फलियों की माला नवजात शिशुओं को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए पहनाते हैं. मान्यता है कि जिन दंपत्तियों की संतान जन्म के बाद ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहती हैं उनके नवजात शिशु के गले में पुत्रनजीवा की फलियों की माला पहना दी जाए तो यह दोष दूर हो जाता है.

यहां लगे हैं पेड़

पुत्रनजीवा के वृक्ष शहर में बरेली कॉलेज के पूर्वी गेट, बरेली कॉलेज के अंदर बैरियर के पास, जजेज कॉलोनी रोड समेत कई जगह लगे हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसकी पहचान ही नहीं है.

दुनियाभर में हो चुकी रिसर्च

प्रो. आलोक खरे बताते हैं कि इंडिया के साथ ही विश्व के कई और देशों के वैज्ञानिक भी इसके औषधीय गुणों के कारण इस पर रिसर्च कर चुके हैं और रिसर्च का सिलसिला आज भी जारी है.

सर्दी, जुकाम का भी इलाज

इस पेड़ की पत्तियों का काढ़ा बनाकर सेवन करने से सर्दी, जुकाम और बुखार के साथ ही शरीर की मांसपेशियों में दर्द की समस्या भी जल्दी दूर होती है.