तभी आईआईटी में मिलेगी एंट्री  

सीबीएसई ने बोर्ड के तमाम स्टूडेंट्स को एक नोटिस देकर बताया है कि जिन स्टूडेंट्स को 12वीं बोर्ड में 75 परसेंट या इससे ज्यादा माक्र्स आएंगे, वे ही आईआईटी में एडमिशन ले सकते हैं। कम माक्र्स वाले चाहे जेईई एडवांस एग्जाम देने वाले टॉप डेढ़ लाख में ही शामिल क्यों न हों, उनका आईआईटी में दाखिला नहीं हो पाएगा।

तो फिर बड़ी संख्या में छंट जाएंगे

जेईई मेंस का ऑफलाइन एग्जाम हो चुका है। ऑनलाइन एग्जाम चल रहा है, जिसके बाद मेंस का रिजल्ट निकलेगा। इसमें से टॉप 1.5 लाख स्टूडेंट्स का सेलेक्शन जेईई एडवांस के लिए होगा। जो भी स्टूडेंट जेईई एडवांस में अच्छी रैंक लाएगा, उसका एडमिशन आईआईटी में आसानी से हो सकेगा। अगर 12वीं बोर्ड में 75 परसेंट या उससे अधिक माक्र्स नहीं आएगा, तो स्टूडेंट्स के रिजल्ट को रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इस संबंध में सीबीएसई रीजनल ऑफिस पटना के रीजनल ऑफिसर एसयू सोरटे ने बताया कि बोर्ड के रिजल्ट का वेटेज बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। अक्सर देखा जाता है कि 12वीं में जाने के बाद स्टूडेंट्स बोर्ड के रिजल्ट पर अधिक ध्यान नहीं देकर कांपटीशन एग्जाम पर फोकस्ड हो जाते हैं। ऐसे में उनके रिजल्ट पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर रिजल्ट खराब होगा, तो बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स आईआईटी में एडमिशन लेने में छंट जाएंगे।

12वीं के  पैटर्न भी हुए चेंज

जेईई मेंस को देखते हुए सीबीएसई ने इस बार से 12वीं बोर्ड के एग्जाम को भी चेंज किया है। इस संबंध में मैथ एक्सपर्ट संजय जोसफ ने बताया कि इस बार मैथ के साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री का क्वेश्चन स्तर एनालिटिकल होने से स्टूडेंट्स के लिए एग्जाम काफी टफ था, जिसका असर स्टूडेंट्स के रिजल्ट पर पड़ेगा। स्टूडेंट्स में बोर्ड एग्जाम को फोकस करने के लिए यह किया जा रहा है। टॉप-20 परसेंटाइल में आने के लिए कॉम्पटीशन भी बढ़ गया है, वहीं केमेस्ट्री के एक्सपर्ट पीसी दास ने बताया कि जब 12वीं को कांम्पटीटिव लेवल को बनाया जाएगा, तभी स्टूडेंट़्स बोर्ड के एग्जाम में फोकस्ड होंगे। इसमें 12वीं के पैटर्न को चेंज करने का फायदा मिलेगा।

पिछले साल की टॉप-20 परसेंटाइल का कटऑफ

सीबीएसई - 77.8 परसेंट

आईसीएससी - 81.4 परसेंट

नेशनल ओपन स्कूल - 60.6 परसेंट

बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड  - 65.6 परसेंट

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