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RANCHI: मिलेनियल्स स्पीक के तहत शुक्रवार को 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' की ओर से सिटी के चुटिया पुलिस स्टेशन के निकट राजनी-टी का आयोजन हुआ. इसमें युवाओं ने आतंकवाद और मौजूदा सरकार की इससे निपटने की कोशिशों को लेकर संजीदगी के साथ अपनी बात रखी. ज्यादातर युवाओं का मानना है कि यह मुद्दा खुद विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की झोली में डाल दिया है. आतंकवाद के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं करने की नीति वास्तव में देशहित में है और इसे लेकर जिस तरह का प्रयास हुआ है, उससे युवा संतुष्ट हैं. यही वजह है कि यह मुद्दा इस बार लोकसभा चुनाव में हावी रहेगा.

सरकार को चुनाव में लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट, रेडियो सिटी तथा सतमोला की प्रस्तुति राजनी-टी में अपनी राय रखते हुए युवाओं ने आतंकवाद से लड़ने की मौजूदा सरकार की नीति को एक बड़ा मुद्दा माना. अधिकतर युवाओं का कहना था कि सरकार ने बिल्कुल सही नीति अपनाते हुए पाकिस्तान में घुसकर आतंकी कैंप तबाह करने की छूट सेना को दी. इसका एक फायदा यह हुआ कि आतंकवादियों को भी यह पता चल गया कि वह कहीं महफूज नहीं हैं. चर्चा की शुरुआत करते हुए युवा समाजसेवी मुनचुन राय ने कहा कि सरकार ने जो कुछ किया, उससे जनता का भरोसा बढ़ा है. इस बार भी चुनाव में यह मुद्दा हावी रहेगा, लेकिन इसका फायदा विपक्ष को मिलता नजर नहीं आता. कुछ लोगों ने सरकार का कार्रवाई पर सवाल खड़े किए, जिससे विपक्ष की धार कुंद हुई. राहुल शर्मा ने भी मुनचुन की बातों से इत्तेफाक जताते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा होगा, जिसपर मोदी सरकार को पहले ही एक क्लियर एज मिल चुका है. राष्ट्र की सुरक्षा एक ऐसा मसला है, जिसपर सभी दलों को एकजुट होना चाहिए. इससे लोगों में मौजूदा रूलिंग पार्टी से इतर, दूसरे दलों पर भी विश्वास बढ़ता. लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. रवि प्रकाश ने कहा कि इंदिरा गांधी के बाद मजबूत इरादों के साथ काम करने वाली दूसरी सरकार मोदी की है बनी है. इस सरकार को चुनाव में लोगों का समर्थन मिलने की उम्मीद है.

कड़क मुद्दा

यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसपर एक अर्से से बात हो रही है. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, कोई जाति नहीं होती. आम लोगों के लिए यह एक बड़ा मसला है, क्योंकि यह पूरी तरह से सुरक्षा से जुड़ा है. कोई सरकार अगर इसके खिलाफ कड़े कदम उठाती है, तो स्वभाविक रूप से जनता उसके साथ ही जाना पसंद करेगी. यदि कोई आपको मार रहा हो और घर का अभिभावक मूक दर्शक बना बैठा हो, तो परिवार में अभिभावक के प्रति भी आक्रोश उत्पन्न हो जाता है. मोदी सरकार ने जो कुछ किया, उससे स्पष्ट हो गया कि भारत वास्तव में अब आतंकवाद से कोई समझौता करने वाला नहीं है. यह कड़ा मैसेज पूरी दुनिया को गया है. इसका फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में सरकार को मिलता दिख रहा है.

मुनचुन राय

 

मेरी बात

पुलवामा हमले के बाद देश चाहता था कि आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो. सर्जिकल स्ट्राइक इसका माकूल जवाब था. देश को हमेशा से ही मजबूत सरकार की दरकार रही है. अगर इंदिरा गांधी को हम आयरन लेडी के रूप में जानते हैं, तो यह जरूर समझना होगा कि उन्होंने किस तरह के फैसले लिए थे. उनकी सरकार के बाद ऐसी कोई सरकार नहीं आई, जिसने आतंकवाद के खिलाफ इतने कड़े फैसले लिए हों, जैसा इस बार मोदी सरकार ने लेकर दिखाया. मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद हमें निर्णायक फैसला लेना चाहिए था, लेकिन हमने नहीं लिया. इस बार जो कुछ हुआ, उससे सरकार पर लोगों का विश्वास बढ़ा है और निश्चित रूप से इसका फायदा भी मौजूदा सरकार को मिलेगा.

रवि प्रकाश

 

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ

चर्चा के दौरान लोगों ने खुलकर कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर जो लोग सुबूत मांगते हैं, उन्हें जनता पचा नहीं पाती. लोग अपनी सेना के सौर्य पर कोई संदेह नहीं करते. यही वजह है कि जब राजनीतिक दल सरकार से सुबूत मांगते हैं, तो उन्हें यह लगता है कि यह सेना के साहस और पराक्रम पर प्रहार है. जो बात हजम नहीं होती, उसे कहा ही नहीं चाहिए. हालांकि, कुछ राजनीतिक दलों के द्वारा यह कहा जाता रहा है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंप पर हुआ हमला कारगर नहीं था. भारत की जनता इसे पाकिस्तान के फेवर वाली बात मानती है और कतई पचा नहीं सकती.

 

क्या कहते हैं युवा

इस बार के चुनाव में यही सबसे बड़ा मुद्दा है. सरकार ने जो साहस दिखाया है, उसमें जनता उसके साथ है.

मुन्ना ठाकुर

 

लोकसभा चुनाव में आतंकवाद का मुद्दा छाया रहेगा. इसे लेकर युवा एक पॉजिटिव मूड के साथ वोट करेंगे.

प्रमोद राय

 

आतंकी हमलों पर चुप्पी खतरनाक साबित हुई है. चुनाव में दो धाराओं का मतविभाजन देखने को मिलेगा.

कन्हैया सिंह

 

यह चुनावी मुद्दा नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह जनता का मुद्दा है. जनता ने तय कर लिया है कि क्या करना है.

पंकज बाखला

 

हमें अपनी सेना और सरकार का साथ देना चाहिए. चुनाव में यह देखने को मिलेगा कि जनता किसके साथ है.

मोनू सिंह

 

सरकार की प्रतिक्रिया के कारण आम लोगों में यह धारणा बनी है कि मोदी सरकार आतंकवाद से लड़ सकती है.

प्रवीन कच्छप

 

यह एक बड़ा मुद्दा है. लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे के इर्द-गिर्द ही बातें होंगी और युवा वोट भी इसी आधार पर करेंगे.

डॉ राकेश सिंह

 

किसी भी सरकार की यह जवाबदेही है कि वह अपनी जनता को सुरक्षित रखे. यह चुनाव में एक मुद्दा तो होगा ही.

भवानी बर्नवाल

 

जनता जान चुकी है कि इस देश को कौन सुरक्षित रख सकता है. इस बार वोटर्स के मन में कोई दुविधा नहीं है.

नवीन शर्मा

 

इस बार जनता यह जरूर देखेगी कि किस पार्टी के पास राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कंक्रीट प्लान है, तभी वोट करेगी.

विक्की सिंह

 

आतंकवाद एक चुनावी मुद्दा बन चुका है. जनता ने भी तय कर लिया है और अब केवल वोट की औपचारिकता रह गई है.

संजीव कुमार

 

सरकार के साथ देश की जनता खड़ी है. हर वर्ग चाहता है कि देश में अब कोई हमला न हो. इसके लिए मजबूत सरकार को चुनेंगे.

समीर कुमार

 

किसी भी पार्टी की सरकार आए, उसे प्राथमिकता के साथ आतंकवाद से लड़ने की प्लानिंग बनानी चाहिए. जनता का साथ मिलेगा.

अनिल कुमार

 

अगर राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट करेंगे, तो आम आदमी के लिए यह तय करना आसान होगा कि वे किसे वोट करे.

पप्पू सिंह

 

हमें यह समझना होगा कि देश की सुरक्षा सबसे जरूरी है. इस आधार पर ही वोट करने के लिए देश के युवा तैयार बैठे हैं.

कौशल चौधरी