'मर्द को दर्द नहीं होता' में एक्शन करती नजर आएंगी राधिका
मुंबई (ब्यूरो)। फिल्मों में टीवी कलाकारों को लगातार मौके मिल रहे हैं। राधिका मदान वासन बाला निर्देशित फिल्म 'मर्द को दर्द नहीं होता' से हिंदी सिनेमा में कदम रखने वाली थीं, उस फिल्म में उनके कोस्टार अभिनेत्री भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु दसानी हैं। हालांकि उनकी इस फिल्म से पहले विशाल भारद्वाज निर्देशित 'पटाखा' रिलीज होगी, जिसमें वह चंपा कुमारी उर्फ बड़की की भूमिका में नजर आएंगी। वह दो बहनों की कहानी है।
'मर्द को दर्द नहीं होता' में एक्शन करेंगी राधिका
'मर्द को दर्द नहीं होता' में राधिका एक्शन करती दिखेंगी। उसके लिए बकायदा उन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली। राधिका बताती हैं, 'मुझे एक्शन फिल्मों से नफरत थी। मैं कभी भी एक्शन फिल्में नहीं देखती थी। मैंने 'सुपरमैन', 'बैटमैन' तक नहीं देखी थी। मुझे रोमांटिक फिल्में पसंद रही हैं। हालांकि मुझे मेरी पहली ही फिल्म में एक्शन करना था। मैंने तो जिंदगी में कभी किक नहीं मारी। लिहाजा मैंने ढेर सारी एक्शन फिल्में देखीं। तकरीबन आठ महीने मैंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली। वहां से मुझे एक्शन से काफी प्यार हो गया।
'पटाखा' में निभाएंगी ग्रामीण किरदार
मार्शल आर्ट सीखने के बाद मैंने उस जिंदगी को जिया। उनके अनुशासन, डाइट और जीवनशैली को जाना। उसके बाद ही मैं अपने किरदार को निभा पाई हूं। 'पटाखा' में मेरा किरदार ग्रामीण और झगड़ालू लड़की का है। वहीं 'मर्द को दर्द होगा' में मेरा किरदार आधुनिक लड़की का है। वह बहुत कूल है।'
मुंबई (ब्यूरो)। फिल्मों में टीवी कलाकारों को लगातार मौके मिल रहे हैं। राधिका मदान वासन बाला निर्देशित फिल्म 'मर्द को दर्द नहीं होता' से हिंदी सिनेमा में कदम रखने वाली थीं, उस फिल्म में उनके कोस्टार अभिनेत्री भाग्यश्री के बेटे अभिमन्यु दसानी हैं। हालांकि उनकी इस फिल्म से पहले विशाल भारद्वाज निर्देशित 'पटाखा' रिलीज होगी, जिसमें वह चंपा कुमारी उर्फ बड़की की भूमिका में नजर आएंगी। वह दो बहनों की कहानी है।
'मर्द को दर्द नहीं होता' में राधिका एक्शन करती दिखेंगी। उसके लिए बकायदा उन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली। राधिका बताती हैं, 'मुझे एक्शन फिल्मों से नफरत थी। मैं कभी भी एक्शन फिल्में नहीं देखती थी। मैंने 'सुपरमैन', 'बैटमैन' तक नहीं देखी थी। मुझे रोमांटिक फिल्में पसंद रही हैं। हालांकि मुझे मेरी पहली ही फिल्म में एक्शन करना था। मैंने तो जिंदगी में कभी किक नहीं मारी। लिहाजा मैंने ढेर सारी एक्शन फिल्में देखीं। तकरीबन आठ महीने मैंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली। वहां से मुझे एक्शन से काफी प्यार हो गया।
मार्शल आर्ट सीखने के बाद मैंने उस जिंदगी को जिया। उनके अनुशासन, डाइट और जीवनशैली को जाना। उसके बाद ही मैं अपने किरदार को निभा पाई हूं। 'पटाखा' में मेरा किरदार ग्रामीण और झगड़ालू लड़की का है। वहीं 'मर्द को दर्द होगा' में मेरा किरदार आधुनिक लड़की का है। वह बहुत कूल है।'
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