RANCHI: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास माओवादियों के निशाने पर हैं। उनकी जान को खतरा है। यह जानकारी उत्तराखंड में गिरफ्तार माओवादी देवेंद्र चम्याल ने पूछताछ में उत्तराखंड पुलिस व खुफिया एजेंसी को दी है। देवेंद्र चाम्याल के खुलासे के बाद उत्तराखंड प्रशासन ने झारखंड सरकार को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है ताकि मुख्यमंत्री की सुरक्षा कड़ी की जा सके।

दो दिन पहले मिला लेटर

दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री सचिवालय को उत्तराखंड प्रशासन का पत्र आया, जिसके बाद से ही गृह विभाग में हलचल तेज हो गई है। अब मुख्यमंत्री की सुरक्षा को कड़ी करने सहित अन्य इनपुट पर भी छानबीन चल रही है। देवेंद्र चम्याल के बयान के आधार पर गृह विभाग ने झारखंड पुलिस को छानबीन करने का आदेश दिया गया है।

पांच साल तक झारखंड में ली थी ट्रेनिंग

गौरतलब है कि देवेंद्र चम्याल अपनी महिला मित्र भगवती भोज के साथ नेपाल सीमा पर गिरफ्तार किया गया था। रिमांड पर पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया है कि पांच साल तक झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षण लिया है। दोनों उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले हैं और पिछले दस साल से फरार चल रहे थे कि उत्तराखंड पुलिस ने गुप्त सूचना पर उन्हें पकड़ा। नक्सली देवेंद्र से इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम ने भी लंबी पूछताछ की थी। उसने छत्तीसगढ़ में भी माओवादियों के साथ अपने संबंधों का पुलिस की छानबीन में खुलासा किया है।

जेड प्लस के घेरे में हैं रघुवर

मुख्यमंत्री रघुवर दास को जेड प्लस की सुरक्षा दी गई है। उनके काफिले में आधा दर्जन गाडि़यां होती हैं, जिनमें सबसे आगे स्थानीय थाने की गाड़ी, उसके बाद जैप के जवान व ब्लैक कैट कमांडो, बीच में मुख्यमंत्री की गाड़ी, साथ में जैमर लगी गाड़ी, एंबुलेंस वाहन भी रहता है। उनके जमशेदपुर स्थित आवास में जिला पुलिस के जवानों के साथ-साथ जैप-6 की एक प्लाटून भी तैनात है।