- ट्रेन में बीमार हुए तो अब ट्रीटमेंट को देना होगा सौ रुपए, अगले स्टेशन पर मिलेंगे डॉक्टर

- रेलवे ने रेट को किया रिवाइज, एक्सिडेंट होने पर नहीं लगेगा फीस

VARANASI

अब चलती ट्रेन और स्टेशन पर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के बदले ज्यादा फीस चुकाना होगा। रेलवे द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत अब डॉक्टर के लिए 100 रुपए कंसल्टेंट फीस तय की गई है। दवाओं का खर्च अलग होगा। अभी तक इस तरह की सर्विस के लिए 20 रुपए लिए जाते थे। अगर कोई यात्री बीमार होता था, तो टीटीई इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देता था। इसके बाद अगले स्टेशन पर डॉक्टर उसका ट्रीटमेंट करता था। लेकिन अब टीटीई बाकायदा कंसल्टेशन फीस 100 रुपए की रसीद भी आपको देगा। रेलवे ने तत्काल प्रभाव से यह सेवा लागू कर दी है।

मिसयूज रोकने को बढ़ाया रेट

दरअसल, इस सुविधा का लंबे समय से मिसयूज हो रहा था। लोग मामूली समस्या होने पर भी डॉक्टर बुला लेते थे। इसे रोकने के लिए अब रेलवे ने अधिक फीस लेने का फैसला किया है। लोग छोटी-मोटी बीमारी में भी रेलवे के कंट्रोल रूम में मैसेज करवाते हुए डॉक्टर को बुलाने लगे थे, जिससे रेलवे का समय और पैसा बर्बाद हो रहा था। अब नए नोटिफिकेशन के बाद रेलवे को रेवेन्यू लॉस नहीं होगा।

रोकी भी जा सकती है ट्रेन

सफर और स्टेशन कैंपस में बीमार होने पर जहां फीस देना होगा वहीं अगर एक्सिडेंट हुआ तो रेलवे की ओर से फ्री ईलाज उपलब्ध कराया जाएगा। इस स्थिति में यात्रियों से कोई फीस नहीं ली जाएगी। इस सुविधा के चलते इमरजेंसी की स्थिति में बीच रास्ते में या फिर स्टेशन पर ट्रेन को रोका भी जा सकता है। कई बार डॉक्टर्स को सिटी से दूर गांव के स्टेशन पर भी जाना होता है, इसलिए ट्रेन को रोका भी जा सकता है। यह इमरजेंसी सेवा हर तरह के बड़े-छोटे स्टेशन पर उपलब्ध कराई जाती है। रेलवे ने इसकी जानकारी रेलवे हॉस्पिटल सहित कॉमर्शियल स्टॉफ को दे दी है, ताकि बीमार यात्री को कोई परेशानी न हो।

पैसेंजर से एक्सप्रेस तक

फीस के बदले इलाज की सुविधा पैसेंजर, मेल और एक्सप्रेस सहित अन्य सभी ट्रेंस में मिल सकेगी। ट्रेन में सवार पैसेंजर तबीयत बिगड़ने पर रेलवे हेल्पलाइन 138 के अलावा टीटीई और गार्ड को इंफॉर्म कर सकेगा। सूचना मिलते ही टीटीई तत्काल कंट्रोल रूम में मैसेज देकर अगले स्टेशन पर डॉक्टर की डिमांड करेगा। ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंचते ही स्टेशन पर मौजूद कॉमर्शियल ऑफिसर की मौजूदगी में रेलवे डॉक्टर द्वारा यात्री की जांच की जाएगी। इसके लिए स्टाफ इलाज के बाद यात्री से 100 रुपए लेकर ईएफटी यानी एक्सेस फेयर टिकट बनाएगा और पर्ची यात्री को सौंप देगा। स्टेशन पर रेलवे डॉक्टर की व्यवस्था नहीं है तो यात्री की रजामंदी के बाद उसे स्टेशन पर उतारकर नजदीकी गवर्नमेंट या प्राइवेट हॉस्पिटल में भेज दिया जाएगा।

वर्जन=======

पैसेंजर से ट्रीटमेंट के बदले फीस जमा करने का नियम पहले से है। रेलवे ने रेट को रिवाइज कर दिया है। हालांकि अब इसके तहत इलाज पाने वाले को ईएफटी की पर्ची भी मिलेगी।

डॉ। उषा किरण, सीएमएस

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