-काशी रेलवे स्टेशन को इंटर मॉडल स्टेशन बनाने के लिए अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई जमीन

-आड़े आ रहे मकानों को तोड़ने के लिए लगा लाल निशान पर कई मामलों के कोर्ट में पेंडिंग होने से फंसा झाम

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काशी रेलवे स्टेशन को इंटर मॉडल स्टेशन बनाने की तैयारी जोरशोर से शुरू की गई थी। इसके लिए मौके पर स्थित मकानों को तोड़ने के लिए उन पर लाल निशान भी लगा दिया गया, लेकिन इसी बीच काम ठप हो गया। इसके पीछे कई मकानों का केस कोर्ट में पेंडिंग होना बताया जा रहा है। ऐसे में संबंधित विभाग चाहकर भी कदम आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं। बता दें कि सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर 200 करोड़ रुपये खर्च करने का प्लान बनाया है। योजना को मूर्तरूप देने के लिए रेलवे, एनएचएआई व राष्ट्रीय जलमार्ग परिवहन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन सबने मिलकर जमीन अधिग्रहण के लिए कवायद भी स्टार्ट कर दिया था। लेकिन मुकदमों के चलते सारी कवायद पर ब्रेक लग गया है।

एक छत के नीचे होंगी कई सुविधा

काशी रेलवे स्टेशन को इंटर मॉडल स्टेशन बनाने के लिए डिजाइन भी तैयार कर ली गई है। जिसमें एक छत के नीचे पांच फाइव स्टार होटल सहित कई सुविधाएं होंगी। वहीं स्टेशन के दक्षिण ओर से एस्केलेटर व लिफ्ट आदि लगाए जाएंगे जिसके माध्यम से गंगा किनारे तक पैसेंजर पहुंच सकेंगे और जल परिवहन की सेवा ले सकेंगे। उत्तर दिशा में स्टेशन से लगायत सीढि़यां व लिफ्ट लगाए जाएंगे जिससे यात्री बस अड्डा तक पहुंच जाएंगे। काशी स्टेशन के पश्चिम दिशा में बसी रेलवे की कॉलोनियों को भी तोड़ा जाएगा। यहां बड़े-बड़े हाल बनाए जाएंगे। इसी स्थान पर बड़ा मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा जिसमें दवा से लेकर खाने-पीने के सभी सामान मिलेंगे। शॉपिंग मॉल की तरह पैसेंजर्स कपड़े आदि की भी खरीदारी कर सकेंगे। वहीं काशी स्टेशन के पूर्व की ओर सड़कों का जाल होगा। इस ओर हरियाली के लिए पार्क आदि भी आकार लेंगे।

निजी संपत्तियों की हो रही जांच

निर्माण संबंधित कार्य शुरू करने के लिए कुछ निजी संपत्तियों के अधिग्रहण के अलावा अतिक्रमण को हटाना होगा। इतना ही नहीं पुरातत्व, वन विभाग, वाइल्ड लाइफ अथारिटी आदि विभागों से एनओसी भी लेना होगा। जमीन की उपलब्धता के अनुसार डिजाइन तैयार की गई है। इसलिए जमीन पर जिन लोगों ने कब्जा किया है उनके आधार की जांच की जा रही है।

गंगा किनारे रेलवे का स्टेशन

गंगा किनारे रेलवे का काशी स्टेशन स्थित है। यहीं से एनएच-2 भी गुजरा है जिससे गुजर रहे वाहन सवारों को गंगा पार करने के लिए रेलवे के पुल का ही सहारा है। नीचे रेलवे पुल है तो ऊपर एनएच-2 का पुल। यहीं गंगा किनारे जल मार्ग परिवहन का छोटा टर्मिनल भी बना है। ऐसे में इंटर मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए काशी स्टेशन सर्वाधिक मुफीद है।

नया पुल भी नये प्लॉन से जुड़ेगा

ऑफिसर्स के मुताबिक इंटर मॉडल स्टेशन की परिकल्पना के साथ गंगा पर प्रस्तावित नए पुल को भी जोड़ा जाएगा। प्रपोजल के मुताबिक नए पुल पर करीब 511 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस पुल से रेल व रोड दोनों की सुविधा प्रदान की जाएगी। खिड़किया घाट से संत अवधूत भगवान राम घाट के बीच नए पुल के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

वर्जन--

इंटर मॉडल स्टेशन को जमीन उपलब्ध होने के बाद ही जमीन पर उतारा जा सकेगा। इसमें कई मामलों के कोर्ट में पेंडिंग होने की वजह से लेट हो रहा है। जल्द ही परियोजना पर कार्य स्टार्ट हो जाएगा।

सतीश कुमार, डीआरएम

नॉदर्न रेलवे लखनऊ

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पॉइंट टू बी नोटेड

एक नजर

इंटर मॉडल स्टेशन पर ये लेंगे आकर

-05 फाइव स्टॉर होटल

-02 बड़े हाल

-01 मल्टी फंक्शनल कॉम्प्लेक्स

-01 बस स्टैंड

-01 जल परिवहन टर्मिनल