इलाहाबाद छिवकी और मानिकपुर होते हुए गुजर गई ट्रेन

रूट में प्रयागराज का नाम शामिल करने का दावा निकला झूठा

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PRAYAGRAJ: संगमनगरी प्रयागराज का रामायण काल से विशेष जुड़ाव रहा है। प्रयागराज प्रभु श्री राम के चरण कमलों का साक्षी रहा है। इसके बाद भी श्री राम से जुड़े स्थलों के भ्रमण पर निकले रामायण एक्सप्रेस के रूट में प्रयागराज को शामिल नहीं किया गया। मंगलवार को वाराणसी से रवाना हुई रामायण एक्सप्रेस इलाहाबाद छिवकी स्टेशन होते हुए मानिकपुर चली गई।

ठहराव का किया गया था दावा

14 नवंबर को रामायण एक्सप्रेस दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से चलाई गई। ट्रेन रवानगी के पूर्व रेल मंत्रालय द्वारा रामायण एक्सप्रेस का जो रूट जारी किया गया, उसके अनुसार ठहराव में प्रयाग और श्रृंग्वेरपुर का नाम भी शामिल था। ट्रेन रवाना होने के बाद रेलवे द्वारा जारी रूट प्लान में प्रयाग, प्रयागराज या इलाहाबाद छिवकी का कहीं कोई नाम नहीं था।

आश्रम में आए थे श्री राम

भगवान श्री राम भारद्वाज ऋषि के आश्रम में प्रयागराज पहुंचे थे और धार्मिक अनुष्ठान किया था। श्रृंग्वेरपुर वही स्थान है, जहां निषाद राज गुह और प्रभु श्री राम का मिलन हुआ। निषाद राज ने प्रभु श्री राम, माता जानकी और लक्ष्मण जी को नदी पार कराई थी। कुंभ मेला 2019 को लेकर एक तरफ जहां बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। विश्व के 192 देशों को कुंभ मेला के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। वहीं श्री राम से जुड़े धार्मिक स्थलों में शामिल होने के बाद भी रामायण सर्किट में प्रयागराज को शामिल न किया जाना लोगों को अखर रहा है।

14 नवंबर को सफदरगंज स्टेशन से रवाना हुई रामायण एक्सप्रेस अयोध्या, सीतामढ़ी के बाद सोमवार को वाराणसी पहुंची। मंगलवार की देर शाम ट्रेन वाराणसी से रवाना हुई। ये रात करीब साढ़े नौ बजे इलाहाबाद छिवकी स्टेशन से होते हुए गुजर गई। मानिकपुर स्टेशन थोड़ी देर रूकी फिर आगे निकल गई।

श्री राम से जुड़े धार्मिक स्थलों का लोग दर्शन कर सकें, इसलिए रामायण एक्सप्रेस चलाई गई है। लेकिन रामायण एक्सप्रेस के रूट में प्रयागराज शामिल क्यों नहीं है, इसकी जानकारी नहीं है। इलाहाबाद छिवकी होकर रामायण एक्सप्रेस को पास होना है, लेकिन ठहराव नहीं है।

मनीष सिंह

पीआरओ, एनसीआर