- परिचालकों ने बना लिए हैं इन नामों से वाट्सएप गु्रप

- इन ग्रुपों पर प्रवर्तन दस्ते की सुचना का होता है आदान प्रदान

- ऐसे में लगातार बेटिकट यात्री पकड़े जाने की संख्या हो रही कम

वाट्सएप गु्रप के नाम

'राम राज्य', 'कुंभ मेला', 'टेंशन फ्री', 'सुहाना सफर', 'रोडवेज की स्पीड', 'चेकिंग अभियान'

LUCKNOW :

प्रदेश में बेटिकट यात्रियों की संख्या तेजी से घट रही है। 'रामराज्य' और 'कुंभ मेला' की बदौलत रोडवेज की बसों में बेटिकट यात्री प्रवर्तन दस्तों की पकड़ से दूर होते जा रहे हैं। हाल यह है कि पहले जिन रूट पर एक दिन में सौ से अधिक बेटिकट यात्री पकड़े जाते थे, वहां अब इनकी संख्या दहाई में पहुंच गई है। इसका कारण सोशल मीडिया है। चालकों और परिचालकों ने स्मार्ट फोन पर अपने ग्रुप बना लिए हैं और वे प्रवर्तन दस्ते की जानकारी इस पर वायरल कर देते हैं। ऐसे में बाकी चालक और परिचालक सतर्क हो जाते हैं और बड़ी सफाई से बच निकलते हैं।

टिकट का पैसा जेब में

रोडवेज बसों में बेटिकट यात्रियों को पकड़ने के लिए परिवहन निगम ने प्रवर्तन दस्तों की तैनाती कर रखी है। इसके अधिकारी रास्ते में कहीं भी बस रुकवा कर यात्रियों की चेकिंग करते हैं कि उनके पास टिकट है या नहीं। कई बार यात्री टिकट नहीं लेते हैं तो कई बार परिचालक यात्रियों से धनराशि तो ले लेता है, लेकिन उन्हें टिकट नहीं देता है। वह धनराशि सीधे उसकी जेब में पहुंच जाती है। जिसका बाद में ड्राइवर के साथ बंटवारा कर लिया जाता है।

ग्रुप में अपडेट करते हैं सूचना

परिचालकों और चालकों ने अपने स्मार्ट मोबाइल में 'राम राज्य', 'कुंभ मेला', 'टेंशन फ्री', 'सुहाना सफर', 'रोडवेज की स्पीड', 'चेकिंग अभियान' जैसे कई व्हाट्सएप गु्रप बना लिए हैं। इनमें अधिक से अधिक परिचालकों को जोड़ा जा रहा है। कई जगहों पर रूट वाइज चलने वाले चालकों और परिचालकों को ही गु्रप में शामिल किया गया है। जैसे ही कोई बस किसी विशेष चेकिंग प्वाइंट से गुजरती है तो उसकी डिटेल गु्रप में डाल दी जाती है कि प्रवर्तन दस्ता कहां पर है। ऐसे में उस बस के पीछे और सामने से आ रही बसों के चालक और परिचालक उस जगह पहुंचने से पहले पड़ने वाले स्टॉपेज के लिए यात्री बिठाते हैं और उनसे टिकट का पैसा लेकर टिकट नहीं देते हैं।

अब हटाकर दिखाएं

इसी तरह से प्रवर्तन दस्ते के पहले और बाद में यात्रियों का टिकट ना बनाकर चालक और परिचालक मोटी कमाई कर रहे हैं। परिचालकों ने कई गु्रपों में अब इस बात का दावा ठोकना भी शुरू कर दिया है कि प्रवर्तन दस्ते में दम है तो पकड़ कर दिखाए। पहले जहां बेटिकट यात्री पकड़े जाने के नाम पर चालक और परिचालक की संविदा निरस्त कर दी जाती थी, वहीं अब हाल के दिनों में इसकी संख्या में काफी कमी आई है।

कोट

इस बात की जानकारी मुझे मिली है। इसके लिए अधिकारियों के साथ बैठकर उपाय जल्द निकाला जाएगा। यह प्राब्लम सिर्फ लखनऊ में नहीं प्रदेश भर में है। जल्द इसके लिए कोई फुल प्रूफ प्लानिंग की जाएगी।

पी गुरु प्रसाद, एमडी

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम

बेटिकट पकड़े गए

मई 2017 मई 2018

लखनऊ से सीतापुर- 139 22

लखनऊ से गोरखपुर- 213 17

लखनऊ से कानपुर- 411 43

लखनऊ से बछरावां- 324 26

प्रवर्तन दस्ते को मिली थीं 40 नई गाडि़यां

रोडवेज बसों में बेटिकट यात्रा करने वाले यात्रियों और अपने परिचितों को फ्री यात्रा की सुविधा देने वाले परिचालकों पर रोक लगाने के लिए परिवहन निगम ने विशेष तैयारी की है। प्रवर्तन कार्यो में तेजी लाने के लिए प्रवर्तन दस्तों को 40 नए चार पहिया वाहन दिए गए हैं। इन वाहनों को बीती 12 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने झंडी दिखाकर रवाना किया था।