RANCHI: मिशनरीज ऑफ चैरिटी के निर्मल हृदय से बच्चा बिक्री मामले के बाद अब रांची सीडब्ल्यूसी वैसे बच्चों को उठा रही है जो घर के बाहर खेलकूद में मस्त रहते हैं। पिछले 28 अगस्त को बरियातू के एक घर में अपनी नानी, मौसी और मां के साथ रह रहे दो बच्चे को सीडब्ल्यूसी ने जबरन उठा लिया। उन बच्चों को करूणाश्रम में रख दिया गया। जब परिजन बच्चों को लेने सीडब्ल्यूसी पहुंचे तो कहा गया कि अब तुम्हें बच्चा नहीं मिलेगा। बच्चा तुमलोगों के साथ नहीं जाना चाहता है। परिजनों का कहना है कि कौन बच्चा है, जो अपने मां-बाप के साथ नहीं रहना चाहता है।

क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, रीता कुमारी की शादी सुनील कुमार नामक युवक से हुई थी। सुनील कुमार ने दोनों बच्चों को अपना भी लिया था। इसके पूर्व रीता की शादी दूसरी जगह पर हुई थी। वहां उसके साथ अक्सर मारपीट की जाती थी। इससे परेशान होकर उसने तलाक ले लिया था। 28 अगस्त को जब दोनों मां-बेटी बाजार के लिए गई थी तभी सीडब्ल्यूसी की टीम वहां पहुंची और दोनों बच्चों को रेसक्यू कर लिया। इसके बाद उसे सीडब्ल्यूसी में ले गए और फिर वहां से करूणाश्रम में भेज दिया गया।

आयोग को लिखा था पत्र पर कार्रवाई नहीं

इस संबंध में रीता कुमारी ने बच्चे को पाने के लिए बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा आरती कुजूर को एक पत्र लिखा था। कहा है कि मैं रीता कुमारी, पति सुनील कुमार सदर थाना क्षेत्र की रहनेवाली हूं। मैं 28 अगस्त को अपनी मां के साथ बाजार गई थी, उसी क्रम में बाल कल्याण समिति के लोग मेरे घर आये और दोनों बच्चियों को उठा कर ले गए। जब घर पहुंची तो कहा गया कि बच्चों को बाल कल्याण समिति ले गई है। जब मैं बाल कल्याण समिति पहुंची और बच्चों को ले जाने लगी तो अधिकारियों ने उन्हें आफिस से निकाल दिया। महिला ने बताया कि दोनों बच्चियां उसकी है, जिसका जन्म प्रमाण पत्र उसके पास है।

बच्चे नहीं मिलेंगे तो आत्महत्या कर लूंगी

महिला रीता कुमारी ने कहा कि एक साजिश के तहत उससे उसकी बच्ची छीन ली गई। उसने बताया कि आज के माहौल को देखते हुए उनलोगों ने उसकी बच्ची को रख लिया। महिला ने कहा कि उसे बार-बार सीडब्ल्यूसी के मेंबरों द्वारा डांटा जा रहा है। वह कई बार अधिकारियों व सीडब्ल्यूसी मेंबर्स के पास गुहार लगा चुकी है। यदि उन्हें उसका बच्चा नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी।