RANCHI: राजधानी में गिरते वाटर लेवल को लेकर नगर निगम की ओर से सभी घरों में वाटर हार्वेस्टिंग कराने का निर्देश 2017 में दिया गया था, ताकि पानी की समस्या के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें। 2017 में शुरू की गई योजना एक साल में ढाई कदम भी नहीं चल पाई है। मार्च 2018 तक एक लाख 58 घरों में से मात्र 11 हजार 200 घरों में ही हार्वेस्टिंग सिस्टम इंस्टॉल किया गया है। मतलब साफ है कि निगम के सुझावों को अमलीजामा पहनाने में स्थानीय लोगों को कोई भी दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

सरकारी भवनों से भी निराशा

आम लोगों के घरों की बात तो छोडि़ये। आलम यह है कि सरकारी इमारतों में भी रैन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं हो पाई है। शहर की कई ऐसी सरकारी बिल्डिंग हैं जहां अभी तक हार्वेस्टिंग सिस्टम डेवलप नहीं किया जा सका है।

10 परसेंट भी हार्वेस्टिंग नहीं

गिरते भू-गर्भ जल की समस्या से निपटने के लिए रांची नगर निगम ने घरों, बहुमंजिली इमारतों सहित सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया है। मार्च के आखिर तक रांची नगर निगम के अंतर्गत होल्डिंग टैक्स के लिए करीब डेढ़ लाख भवन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से केवल 11 हजार भवनों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा है। करीब एक लाख भवन ऐसे हैं, जिसका क्षेत्रफल 300 वर्ग मीटर से कम है। नियमानुसार इन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य नहीं है।

नगर निगम के भवन में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग नहीं

एक ओर जहां रांची नगर निगम पूरे शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर जोर दे रहा है, वहीं दूसरी ओर कचहरी स्थित निगम के भवन में ही यह नदारद है। इस मामले में किसी भी अधिकारी से पूछने पर एक ही जवाब मिलता है। नए निगम भवन की कार्ययोजना पर काम चल रहा है।

क्या कहती है पब्लिक

नगर निगम की ओर से सार्थक पहल की गई थी, लेकिन लोगों को भी इसके लिए जागरूक होना होगा। पानी की समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके।

-अमरेन्द्र कुमार

निगम को हार्वेस्टिंग के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही उसे यह भी सुनिश्रि्वत करना होगा कि सरकारी इमारतों में भी हार्वेस्टिंग की व्यवस्था हो।

-कृष्णा पाठक