तेल की गर्मी से सबकी जेब ठंडी

- तेल के दाम बढ़ने से बिगड़ा लोगों का बजट

- लोगों ने रोजमर्रा के खर्चो में कटौती करना शुरू किया

LUCKNOW:

पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रहे लगातार इजाफे से लोगों का बजट बिगड़ना शुरू हो गया है। जिसके चलते लोगों ने रोजमर्रा के खर्चो में कटौती करना शुरू कर दिया है। यही नहीं अब ईधन की बचत के लिए लोगों एक ही गाड़ी में एडजेस्ट होकर चलने में भलाई समझ रहे हैं। ऐसे ही कई हायर व मिडिल क्लास की फैमिली से बात कर हमने जाना कि आखिर कैसे उनका बजट बिगड़ रहा है और वो उससे कैसे एडजेस्ट कर रहे हैं।

असर तो पड़ता है

निशातगंज निवासी कपड़ा कारोबारी अयाज अहमद के पास एक स्कार्पियो एक्ययूवी के अलावा तीन टू व्हीलर गाडि़यां हैं। उन्होंने बताया कि फोर व्हीलर मैं इस्तेमाल करता हूं तो वहीं मेरे भाई टू व्हीलर। तेल के बढ़े दामों ने सबका बजट बिगाड़ दिया है। मेरे छोटे भाई मेरे साथ ही काम करते हैं। पहले हम लोग अलग-अलग टाइम पर घर से निकलते थे लेकिन अब एक साथ ही निकलते हैं। कहीं और भी जाना होता है तो एक ही गाड़ी से सब जाते हैं। अगर औसत तेल खर्च की बात की जाए तो पहले तेल पर मेरा करीब 15 हजार रुपया प्रति माह खर्च होता था, जो अब बढ़कर 18 हजार के आसपास पहुंच गया है।

अब एक ही गाड़ी इस्तेमाल करते हैं

जानकीपुरम निवासी अभिषेक श्रीवास्तव के पास एक आई 20 है वहीं टू व्हीलर में एक बुलेट और एक टीवीएस की गाड़ी है। अभिषेक ने बताया कि आई 20 का एवरेज अच्छा है मगर पेट्रोल और डीजल के दामों ने इनका एवरेज बिगाड़ दिया है। पहले मैं बुलेट से चलता था लेकिन एवरेज कम होने के कारण अब टीवीएस से चल रहा हूं। हम अधिकतर एक ही गाड़ी शेयर कर रहे हैं। पहले भईया को ऑफिस छोड़ता हूं, फिर अपने काम पर जाता हूं। शाम को भाई को पिकअप करके ही घर आता हूं। पहले महीने में सात से आठ हजार रुपए तेल पर खर्च होते थे, जो अब बढ़कर नौ हजार के करीब पहुंच गया है।

सरकार कुछ नहीं कर रही

विकासनगर निवासी बैंक कर्मी आशीष पटेल के घर में तीन टू व्हीलर और एक कार है। आशीष ने बताया कि जब फंक्शन में जाना होता है तो सभी एक साथ कार से जाते हैं। बाकी टू व्हीलर का ही यूज होता है। पापा और भाई भी टू व्हीलर का यूज करते हैं। उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से बजट बिगड़ गया है। हर माह करीब सात हजार रुपया तो ईधन में ही लग जाता है। पहले यह इससे कहीं कम था। सरकार तेल की बढ़ती कीमतों को रोकने में असफल है। लगता है जल्द ही तेल 100 रुपए लीटर बिकेगा।

नहीं हो रही सेविंग

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब परिवारों से तेल की बढ़ती कीमतों से बिगड़े बजट के बारे में जाना तो पता चला कि जिन लोगों की मंथली एक दो हजार रुपये की एक्स्ट्रा सेविंग हो जाती थी वो नहीं हो पा रही है। जिस फैमिली में करीब तीन से चार वाहन हैं उन पर दो से तीन हजार रुपए का अतिरिक्त खर्च आ गया है।

अपना रहे यह नुस्खे

- लोगों ने गाड़ी शेयर करना शुरू किया

- अधिक एवरेज वाली गाडि़यों का ज्यादा यूज

- आसपास के काम पैदल जाकर ही कर रहे पूरे

- गाडि़यों में एसी का यूज कम किया जा रहा

- फोर व्हीलर की जगह टू व्हीलन को वरीयता

- अधिकतर गाडि़यां औसत स्पीड में ही चल रहीं