आई एक्सक्लूसिव

- गढ़ रोड कोतवाली के सईद ने लगाई रावण के पुतलों की दुकान

- साढ़े तीन फीट से लेकर साढ़े पांच फीट तक के है रावण के पुतले

- साढ़े पांच फीट के रावण के पुतले कीमत है 1050 रुपए

sharma.saurabh@inext.co.in

Meerut : क्या कभी आपने ससुराल में किसी दामाद को बिकते हुए देखा है? जी हां, मेरठ में एक ऐसा ही दामाद रोड के किनारे बिक रहा है। लोग उसे 300 रुपए से लेकर 1100 रुपए तक में खरीद रहे हैं। ये दामाद भी कोई ऐसा-वैसा दामाद नहीं है। उसे लोग शहर में ही नहीं देश में लोग कई नामों से जानते हैं। जी हां, आप सही सोच रहे हैं मेरठ के दामाद रावण, दशानन, लंकेश आदि की बात कर रहे हैं।

तो ये बेच रहे हैं

कोतवाली निवासी सईद गढ़ रोड़ पर रावण की दुकान सजाए बैठे हैं। पिछले सालों से ही उन्होंने रावण के पुतलों को बेचने की शुरूआत की है। सईद पेशे से पुतले बनाने का ही व्यापार करते हैं। इसी से उनके घर का खर्च और परिवार पलता है। सईद बताते हैं कि ये उनका दूसरा साल है। पिछले साल पुतलों की बिक्री का रिस्पांस अच्छा मिला तो इस साल भी लगा लिया। इस साल दुकान लगाए सिर्फ दो ही दिन हुए हैं। पिछले साल 50 पुतले बिके थे।

साढ़े तीन से साढ़े पांच फीट तक

सईद की दुकान में दो साइज के रावण बिक रहे हैं। एक साइज साढ़े तीन फीट का है। जिसकी कीमत 350 रुपए है। दूसरे साइज का रावण साढ़े पांच फीट का है। जिसकी कीमत 1050 रुपए का है। सईद बताते हैं। लोग बारगेनिंग करते हैं। तो कीमत तो कोई तय नहीं है। लेकिन जिन कीमतों से मुझे दो पैसे बच जाते हैं वो कीमत लोगों को बता रहा हूं। वैसे लोगों को 300 रुपए और 1000 रुपए में पुतला दे देता हूं।

ऐसे बनाते हैं रावण

पुतले बनाने में मुझे एक महीने का समय लग जाता है। मैं इस सीजन में करीब 70 पुतले बनाता हूं। पुतले को बनाने के लिए मैं लकड़ी और पेपर का इस्तेमाल करता हूं। उस रंग रोगन और तमाम सजाने में काफी वक्त जाता है। जिसमें मेरी मदद परिवार के सभी मेंबर्स करते हैं। लकड़ी पर कागज को चिपकाने के लिए आटे की लई का इस्तेमाल किया जाता है।

क्योंकि बदल रहा ट्रेंड

सईद बताते हैं कि पहले लोग बड़े-बड़े मैदानों में रावण पुतला दहन देखने के लिए जाते थे। कोई छोटे और बड़े का भेद नहीं था। पब्लिक शहर में अपने आप को काफी सेफ भी फील करती थी। लेकिन अब माहौल काफी चेंज हो गया है। अब पब्लिक अपने घर के पास भी अपने को सेफ फील नहीं करती है। लोग अपने घर के लोग या सामने पार्क में पुतला खरीदकर रावण दहन करने लगे है। उसके अंदर पटाखे लगाकर उसका दहन करने का ट्रेंड बढ़ गया है।

ये है रावण का मेरठ का रिश्ता

मेरठ का रावण से काफी गहरा रिश्ता है। मेरठ का प्रचीन नाम मयराष्ट्र हुआ करता था। जिस पर राजा मय राज करता था। उनकी पुत्री मंदोदरी से रावण का विवाह हुआ। तभी से रावण मेरठ उर्फ मयराष्ट्र के दामाद बन गए थे।