फैक्टरी की 75 फीसदी जरूरत सौर ऊर्जा से

नई दिल्ली (प्रेट्र)। कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि ग्रीन पावर से चलने वाली यह भारत में पहली फैक्टरी है। उद्योग अपनी जरूरत की 75 फीसदी ऊर्जा सोलर पावर से पूरी करेगी। आरबी ने भारत में पहला पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया है। यह अपने आप में एक उपलब्धि है। अगले 10 वर्षों में इससे 80 फीसदी कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद मिलेगी।

एमप्लस से किया 2.4 मेगा वॉट का करार

कंपनी ने एमप्लस के साथ 10 वर्षों के लिए 2.4 मेगा वॉट पावर पर्चेज एग्रीमेंट किया है। एमप्लस ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में 42 मेगा वॉट का सौर पार्क विकसित किया है। इस पार्क का नाम नायक रखा गया है। इसी सौर पार्क से कंपनी के मैसूर प्लांट को ऊर्जा आपूर्ति की जाएगी।

भविष्य में होसूर फैक्टरी में भी सौर ऊर्जा

कंपनी के प्रोक्योरमेंट डाइरेक्टर व प्रवक्ता राधा मोहन गुप्ता ने एक बयान में कहा कि कंपनी हर्ष के साथ यह बताना चाह रही है कि उसने ग्रीन पावर से चलने वाली देश में पहली फैक्टरी लगाई है। इसके लिए हमने एमप्लस के साथ पीपीए किया है। इस पीपीए के माध्यम से कंपनी की फैक्टरी देश में उत्सर्जन घटाने में योगदान देगी। फैक्टरी 100 फीसदी नवीनीकरण ऊर्जा पर आधारित होगी। भविष्य में कंपनी अपने होसूर स्थित फैक्टरी में भी ऐसा ही करेगी।

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