पुराने नोटों को मशीनों से कर रहे टुकड़े-टुकड़े

एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने कहा कि आरबीआई नोटबंदी के दौरान वापस आए पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को मशीनों से टुकड़े-टुकड़े करवा रहा है। इसके बाद उसे मशीनों से ही दबा कर ठोस ईंटों में बदल दिया जाएगा। यह प्रक्रिया अभी चल रही है। इसके बाद नोटों को ठिकाने लगाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया के जरिए नष्ट करने की प्रक्रिया चल रही है।

जमा हुए 15.28 लाख करोड़ रुपये के नोट

एक अनुमान के अनुसार, नोटबंदी के दौरान जो 500 और 1000 रुपये के जो पुराने नोट बैंकों में वापस आए उनका मूल्य 15.28 लाख करोड़ रुपये है। आरबीआई ने नोटों को नष्ट करने की प्रक्रिया में बताया कि सबसे पहले बैंक में वापस आए नोट गिने जाते हैं। इसके बाद उनके असली और नकली होने का वैरिफिकेशन किया जाता है। फिर इन्हें मशीनों में टुकड़े करके नष्ट किया जाता है।

पुराने नोटों को नहीं किया जाता रिसाइकिल

आरबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि पुराने नोटों को आरबीआई रिसाकिल नहीं करता यानी उन्हें गलाकर दोबारा नये नोट नहीं बनाए जाते। वेरिफिकेशन के बाद नोटों को मशीनों से टुकड़े-टुकड़े करके नष्ट कर दिया जाता है। देश भर में नोट वेरिफिकेशन के लिए आरबीआई द्वारा 59 करेंसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ध्यान रहे कि सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान करके 500 और 1000 रुपये के नोटों को प्रचलन से बाहर कर दिया था।

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