जावेद अंसारी को बचाने का प्रयास करता रहा कार्यालय अधीक्षक

मंगलवार तक सस्पेंड हो जाएंगे डीपीओ व कार्यालय अधीक्षक

Meerut। सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल गृह में बालक से हुए कुकर्म के मामले में सोमवार को भी सहारनपुर के डिप्टी सीपीओ पुष्पेंद्र सिंह ने अपनी जांच जारी रखी। इस दौरान उन्होंने मेरठ डीपीओ और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। डीएम अनिल ढींगरा का कहना है कि डीपीओ श्रवण कुमार गुप्ता व कार्यालय अधीक्षक अयूब हसन के निलंबन की संस्तुति करके शासन को भेज दिया गया है। मंगलवार तक दोनों का निलंबन हाे जाएगा।

शासन का रवैया गंभीर

अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय जांच समिति बनाने के निर्देश दिए। निदेशक पुनीत कुमार मिश्रा ने रविवार को ही डिप्टी डायरेक्टर सहारनपुर (महिला एवं बाल विकास विभाग) पुष्पेंद्र सिंह व मुख्यालय में तैनात डिप्टी डायरेक्टर बिजेंद्र सिंह निरंजन को शामिल कर समिति बना दी। पुष्पेंद्र सिंह रविवार दोपहर डेढ़ बजे राजकीय बाल गृह पहुंचे थे। उन्होंने रविवार को रात साढ़े आठ बजे तक जांच की। इसके बाद वह सोमवार को भी बाल सदन पहुंचे। वहां पर उन्होंने डीपीओ श्रवण कुमार गुप्ता एवं आठ कर्मियों के बयान दर्ज किए। बाल कल्याण समिति व बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई।

जांच में बढ़ेगा नाम

बाल गृह केंद्र का प्रभारी अधीक्षक अय्यूब हसन दो दिन की छुट्टी लेकर गया था, लेकिन वह एक माह से गायब है। जांच समिति को चार सितंबर तक रिपोर्ट आला अफसरों को देनी है। एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना है कि जांच में अय्यूब हसन का नाम बढ़ा दिया गया है। कार्यालय अधीक्षक ने बालक की आवाज दबा रखी थी, चूंकि उससे सबसे पहले घटना का पता चल गया था।

बाल गृह की घटना

राजकीय बाल गृह में रहने वाले एक बालक से संविदाकर्मी जावेद अंसारी ने गत 8 जुलाई को कुकर्म किया था। इसकी शिकायत उसने पहले कार्यालय अधीक्षक अयूब हसन से की थी, लेकिन उसने मामले को दबाने का प्रयास किया। इसके बाद वह लगातार उसके साथ कुकर्म करने लगा। इसके बाद गत 21 अगस्त को रुटीन जांच में मजिस्ट्रेट के संज्ञान में यह मामला आया। गत 23 अगस्त को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नौचंदी पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। आरोपित संविदाकर्मी की सेवा भी समाप्त कर दी गई है। इस मामले में केंद्र प्रभारी अय्यूब हसन को भी नामजद किया गया है।

िनलंबन लगभग

डीएम अनिल ढींगरा ने डीपीओ श्रवण कुमार गुप्ता व कार्यालय अधीक्षक अयूब हसन के निलंबन की संस्तुति करने के लिए शासन को भेज दिया है। दोनों का निलंबन तय माना जा रहा है।