ट्रांसफर होने के बाद भी जमा हुए हैं सरकारी आवासों में
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KANPUR : लखनऊ में सरकारी बंगलों पर कब्जा जमाए पूर्व मुख्यमंत्रियों ने तो हाईकोर्ट की सख्ती के बाद बंगले खाली कर दिए लेकिन कानपुर में कई अधिकारी ट्रांसफर, रिटायरमेंट और बर्खास्तगी के बाद भी सरकारी आवासों में जमे हुए हैं। ऐसे सभी 19 कर्मचारियों और अधिकारियों को आवास छोड़ने के लिए नोटिस दी गई थी, लेकिन किसी ने आवास खाली नहीं किया। अब ऐसे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली के आदेश डीएम ने जारी किए हैं।

न खाली करें तो बलपूर्वक
तत्कालीन अभियोजन अधिकारी प्रेम चंद्र पटेल का लखनऊ और महेश चंद्र पूर्व तैनाती पुलिस लाइन का ट्रांसफर फर्रुखाबाद हो गया था, लेकिन नोटिस के बाद भी आवास न छोड़ने पर डीएम सुरेंद्र सिंह ने दोनों के खिलाफ रिकवरी के आदेश दिए हैं। महेश चंद्र को रेंट और जलकर मिलाकर 88,233 रुपए और प्रेम चंद्र पटेल को 68,280 रुपए जमा करने के आदेश दिए गए हैं। सर्विस के दौरान अगर आवास भत्ता लिया गया है तो उसकी भी रिकवरी करने के निर्देश डीएम ने दिए हैं। आवास न खाली करने पर बलपूर्वक आवास खाली कराया जाएगा।

 

इन अधिकारियों, कर्मचारियों से वसूली
आरएन बाजपेई तत्कालीन क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक, एसके राय तत्कालीन जेलर, अनिल कुमार तत्कालीन तहसीलदार, व्यास नरायण उमराव तत्कालीन नायब तहसीलदार, विश्वेशर सिंह तत्कालीन नायब तहसीलदार, संजय सिंह तत्कालीन शस्त्र लिपिक, अनिल पांडेय तत्कालीन वरिष्ठ लिपिक श्रमायुक्त कार्यालय, विकास श्रीवास्तव तत्कालीन लिपिक लेखा विभाग हैलट, जगदीश नरायण त्रिपाठी, रमेश चंद्र, प्रमोद कुमार शुक्ला, संतोष कुमार सिंह चारों सहायक अभियोजन अधिकारी, उर्मिला सिंह तत्कालीन लिपिक जनपद न्यायालय, चपरासी मेवालाल (निधन हो चुका है, इनके परिजन आवास में रह रहे हैं) प्रेम चंद्र पटेल तत्कालीन ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी, अनवार अहमद बर्खास्त लिपिक कलेक्ट्रेट, महेश चंद्र हेड कांस्टेबल, मीनेश गुप्ता प्रशिक्षिका समाज कल्याण विभाग, अरुणा यादव ज्येष्ठ लेखा परीक्षक सहकारी समिति एवं पंचायत।