* शासन ने दी मंजूरी, यूपीपीएससी को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिये भेजा प्रस्ताव
* इसी सप्ताह जारी होगा विज्ञापन, कानून मंत्री ने दी जानकारी
* महिलाओं व एससी, एसटी के लिये अतिरिक्त कोट्र्स को भी मंजूरी

शासन ने मंजूरी के लिये हाईकोर्ट भेजा

lucknow@inext.co.in
LUCKNOW : निचली अदालतों में लंबित मुकदमों की बाढ़ पर काबू पाने के लिये प्रदेश सरकार जल्द ही 330 सिविल जज जूनियर डिवीजन की भर्ती करेगी। इसके लिये शासन ने विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने के लिये यूपीपीएससी को आदेश भेज दिया गया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने महिलाओं व एससी/एसटी के लिये अतिरिक्त फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी के लिये हाईकोर्ट भेजा है।

मुकदमों का होगा जल्द निपटारा
विधि एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश के निचली अदालतों में इस वक्त लाखों मुकदमे सुनवाई के लिये लंबित हैं। मुकदमों की इस भारी तादाद का निस्तारण कराने के लिये विधि एवं न्याय मंत्रालय ने 330 सिविल जज जूनियर डिवीजन के पदों पर भर्ती के लिये शासन को प्रस्ताव भेजा था। जिसे शासन से मंजूरी मिल गई है। इन सभी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिये प्रस्ताव यूपीपीएससी को भेज दिया गया है। मंत्री बृजेश पाठक के मुताबिक, अगले सप्ताह इन पदों पर भर्ती के लिये विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा और भर्ती प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरू कर दी जाएगी। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी होते ही 100 सिविल जज सीनियर डिवीजन और 100 अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पद पर प्रमोशन के जरिए भर दिया जाएगा।

गठित होंगी नई अदालतें
मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि महिला संबंधी अपराधों, अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ होने वाले अपराधों व वाणिज्यिक मामलों की सुनवाई अन्य मामलों की ही तरह होती थी। लेकिन, अब ऐसे मामलों की जल्द सुनवाई व उनके निस्तारण के लिये नई फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 110 पारिवारिक अदालतें, महिला संबंधी अपराधों के लिये 100 व अनुसूचित जाति-जनजाति के साथ होने वाले अपराधों की सुनवाई व जल्द निस्तारण के लिये 25 फास्ट ट्रैक कोर्ट का प्रस्ताव तैयार कर हाईकोर्ट की मंजूरी के लिये भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मंजूरी मिलते ही इन अदालतों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा वाणिज्यिक मामलों की सुनवाई के लिये 13 विशेष कोर्ट के गठन का भी निर्णय लिया गया है।

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