- पूरी तरह से डिजिटाइज्ड होगा ट्रॉमा सेंटर

- पहले 24 घंटे अपेक्स ट्रॉमा सेंटर में जरूरतमंदों को मिलेगा नि:शुल्क इलाज

LUCKNOW : संजय गांधी पीजीआई के वृंदावन स्थित अपेक्स ट्रॉमा सेंटर में दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर की तर्ज पर इलाज की सुविधाएं दी जाएंगी। ट्रॉमा सेंटर पूरी तरह से डिजिटाइज्ड होगा। भर्ती से लेकर मेडिकोलीगल तक की सभी सेवाएं आनलाइन होंगी। इसके लिए पीजीआई प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक आने वाले रविवार से मरीजों के लिए सेवाएं शुरू सकती हैं।

एम्स देगा सॉफ्टवेयर

पीजीआई के सीएमएस व अपेक्स ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ। अमित अग्रवाल ने बताया कि ट्रॉमा सेटर में आने वाले सभी मरीजों का मेडिकोलीगल किया जाएगा। इसके लिए एम्स दिल्ली के ट्रॉमा में चलने वाले मेडिकोलीगल सॉफ्टवेयर को यहां भी लागू किया जाएगा। मेडिकोलीगल की जरूरत पड़ने पर प्रिंटेड पेपर दिया जाएगा। पीजीआई की एचआईएस सिस्टम को भी लागू किया जा रहा है। यानि कि ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के भर्ती से लेकर सभी प्रकार की प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी।

पीजीआई की दरों पर इलाज

डॉ। अमित ने बताया कि पीजीआई ट्रॉमा सेंटर में इलाज के शुल्क की दरें पीजीआई की दरों पर ही होंगी। इसका मतलब है कि केजीएमयू के ट्रॉमा की अपेक्षा पीजीआई में इलाज का खर्च करीब दो गुना होगा। बीपीएल मरीजों को ही नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था होगी। जबकि डेस्टीट्यूट या लावारिस मरीजों को पहले 24 घंटे ही इलाज नि:शुल्क होगा। इसमें सर्जरी से लेकर जांच और बेड चार्ज तक सब कुछ नि:शुल्क होगा। इसके बाद मरीज के परिजनों को पेमेंट करना होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पीजीआई को पांच करोड़ का बजट दे दिया है।

25 ऑफिसर संभालेंगे इमरजेंसी

ट्रॉमा सेंटर की इमरजेंसी को 25 मेडिकल ऑफीसर्स की टीम संभालेगी। इनमें से 9 मेडिकल आफीसर स्पेशलिस्ट हैं। जबकि 15 जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (जीडीएमओ) भी तैनात किए गए हैं। सरकार ने इसके लिए जीओ जारी कर दिया है। यही डॉक्टर मेडिकोलीगल और इमरजेंसी का काम देखेंगे।

बनेगी पुलिस चौकी

डॉ। अमित अग्रवाल ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में 24 घंटे पुलिस की उपलब्धता के लिए चौकी बनाने के लिए एसएसपी को प्रस्ताव भेजा गया है। फिलहाल पीजीआई थाने की टीम ट्रॉमा में रहेगी इसके लिए बात हो गई है।