RANCHI : रिम्स में मैनपावर की कमी जल्द दूर कर ली जाएगी। एम्स की तर्ज पर पदों के सृजन व बहाली करने पर सहमति बनी है। हॉस्पिटल की गवर्निग बॉडी की मंगलवार को हुई मीटिंग में 362 ग्रेड ए नर्सो की बहाली करने का भी फैसला लिया गया। इस बाबत एक माह के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। उधर, टेंपररी स्टाफ्स और खाली पड़े पदों पर बहाली के लिए रिक्रूटमेंट एजेंसी को जिम्मा सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि जरूरत से कम नर्सेज और पारा मेडिकल स्टाफ्स होने की वजह से यहां मरीजों के बेहतर इलाज व देखभाल में थोड़ी दिक्कतें आ रही है।

मिनिस्टर ने मांगे स्टाफ्स

हॉस्पिटल के एडमिनिस्ट्रेशन बिल्डिंग में ही हेल्थ मिनिस्टर का भी ऑफिस है। गवर्निग बॉडी की मीटिंग में मंत्री जी ने भी अपने दफ्तर के लिए स्टाफ्स उपलब्ध कराने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि उनके यहां काम करने वाले स्टाफ्स रिम्स का भी कामकाज करेंगे, लेकिन मेंबर्स ने स्वास्थ्य मंत्री की इस मांग पर सहमति नहीं जताई।

आपत्ति के बाद भी ज्वाइनिंग

रिम्स में बायो केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अनूपा प्रसाद द्वारा रिजाइन करने के उपरांत फिर से ज्वाइन करने के मामले पर स्वास्थ्य सचिव ने आपत्ति जताई, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री और डायरेक्टर ने बायलॉज का हवाला देते हुए उनके ज्वाइनिंग को मंजूरी दे दी। डायरेक्टर ने कहा कि इस गैप में उन्हें लीव विदाउट पे मानते हुए ज्वाइनिंग कराई जाएगी।

चंदा का मामला भी उठा

सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर ने सरस्वती पूजा के लिए आसपास के दुकानदारों से जबरन चंदा वसूलने का मामला भी उठाया। साथ ही कहा कि इसके लिए रिम्स प्रबंधन को एक्शन लेना चाहिए। वहीं पूजा के लिए अलग से फंड प्रबंधन को देना चाहिए। जिस पर डायरेक्टर ने कहा कि दुकानदारों को ऐसे मामले में एफआइआर करनी चाहिए। वहीं रिम्स से फंड देने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि इसके लिए कोई फंड हमारे पास नहीं है।

डॉक्टर्स -स्टाफ्स को सातवां वेतनमान

एम्स की तर्ज पर ही रिम्स के डॉक्टरों और स्टाफ्स को भी सातवां वेतनमान देने पर जीबी ने सहमति प्रदान कर दी है। ऐसे में एम्स की तर्ज पर वेतनमान एक जनवरी 2019 से लागू कर दिया जाएगा।

सिक्योरिटी एजेंसी की छुट्टी

हॉस्पिटल की सिक्योरिटी अगले महीने एक मार्च से एक्स आर्मी मेन के हवाले हो जाएगी। इसके लिए आर्मी वेलफेयर एसोसिएशन से जवानों की मांग की गई है। वहीं एक मार्च से एजेंसी की छुट्टी हो जाएगी। मेंबर्स ने कहा कि एक साल से बार-बार एजेंसी को एक्सटेंशन दिया जा रहा है जो गलत है।

बड़े इंस्टीट्यूशन की लेंगे मदद

टेंडर में आ रही परेशानी को देखते हुए मशीनों की खरीदारी के लिए बड़े इंस्टीट्यूशंस सं संपर्क किया जाएगा। वहीं उनके ट‌र्म्स एंड कंडीशन के आधार पर मशीनों को उसी दर पर खरीदारी की जाएगी। जिसे जीबी में लाकर पास करा लिया जाएगा। इससे मरीजों का इलाज किसी भी हाल में प्रभावित नहीं होगा।

कांट्रैक्ट स्टाफ्स होंगे रेगुलर

हॉस्पिटल में लंबे समय से कांट्रैक्टर और डेली वेज पर स्टाफ्स काम कर रहे है। जिन्हें काम के आधार पर 50 परसेंट मा‌र्क्स प्रबंधन देगा। वहीं 50 परसेंट मा‌र्क्स रिटेन के आधार पर मिलेगा। इसके बाद स्टाफ्स को रेगुलराइज कर दिया जाएगा।