नई दिल्ली (आईएएनएस)। कांग्रेस पार्टी आलोक वर्मा को दोबारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक के रूप में बहाल करने की मांग कर रही है। कल शनिवार को कांग्रेस ने कहा कि इन को हटाने का फैसला राफेल जांच को बाधित करने के लिए लिया गया है। इतना ही नहीं यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अध्यक्षता में चयन समिति द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाया जाना एक तरह से अन्याय जैसा है। केंद्र सरकार काफी डरी हुई और बेताब है।

सरकार बहुत कुछ छिपाने की कोशिश कर रही

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए के पटनायक के एक बयान का जिक्र किया। पटनायक का कहना था कि आलोक वर्मा के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का सबूत नहीं था और समिति ने फैसला काफी जल्दबाजी में लिया। इसके साथ ही अभिषेक मनु सिंघवी ने वर्तमान में देश की सत्ताधारी पार्टी पर आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाने में जल्दबाजी करने का आरोप लगाया। यह भी कहा कि सरकार बहुत कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है।

चयन समिति द्वारा 2-1 के बहुमत से लिया गया

बता दें कि सीबीआई  के निदेशक आलोक वर्मा को हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने बहाल किया था। इसके बाद उन्होंने 9 जनवरी को सीबीआई निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला था लेकिन कुछ समय बाद फिर उन्हें इस पद से हटना पड़ा था। उनको पद से हटाने का फैसला तीन सदस्यीय एक उच्चस्तरीय चयन समिति द्वारा 2-1 के बहुमत से लिया गया था। समिति के इस फैसले में केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच के नतीजों के आधार पर मान उन्हें इस पद से हटाया गया है।

यूपी से जुड़े इन मामलों की वजह से हटाए गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा

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