-लौट रहा है साउथ वेस्ट मानसून, अक्टूबर लास्ट तक बढ़ेगी ठंड

ALLAHABAD: कहते हैं कि दिवाली के बाद ठंड शुरू हो जाती है। लेकिन शहर में अभी ठंड का एहसास ही हो पा रहा है। दिन में तो अभी भी धूप इतनी कड़ी हो रही है कि लग रहा है जैसे मार्च-अप्रैल का महीना है। जानकारों का कहना है कि फिलहाल तो जो कंडीशन है, उससे अगले कुछ दिनों में जाड़े का मौसम बनने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं।

साइक्लोन बना तो फिर करें इंतजार

हालांकि, यह बहुत हद तक पहाड़ पर होने वाली बर्फबारी पर निर्भर करेगा। इसी से तय होगा कि अबकी बार जाड़ा कैसा पड़ने वाला है और उसका टाइम ड्यूरेशन कितना होगा? अभी तक की जानकारी के मुताबिक पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू नहीं हुई है। लेकिन भारत मौसम विज्ञान विभाग की गणना के अनुसार इसकी शुरुआत नवंबर में होने के आसार नजर आ रहे हैं। उत्तर भारत के आसपास मौजूद हिल स्टेशंस के हालात पर भी बहुत कुछ डिपेंड करेगा। इस बीच एक और बात महत्वपूर्ण होगी कि दो-तीन साल के अंतराल में अक्टूबर के महिने में बे ऑफ बंगाल और अरेबियन सी में साइक्लोन बनता है।

हवा में घुली है नमी

जानकारी के मुताबिक वहां अभी तक ऐसा कोई ताकतवर साइक्लोन नहीं बन पाया है, जिससे भावी वेदर कंडीशन पर कोई इफेक्ट पड़े। फिर भी यदि आने वाले कुछ दिनों में ऐसा कुछ हुआ तो हल्की-फुल्की बरसात के साथ जाड़े का लेट होना स्वाभाविक होगा। इस बाबत इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आटोमेटिक वेदर सेंटर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ। सुनीत द्विवेदी का कहना है कि अबकी बार बरसात न केवल सही समय पर हुई, बल्कि सही समय पर मॉनसून लौट भी रहा है। इससे हवा में नमी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अबकी बार का मानसून किसानों के लिए ठीक-ठाक कहा जा सकता है और सरकारी आंकड़े के मुताबिक ज्यादातर एरियाज में एवरेज बरसात हुई है।

11 साल में दो बार 15 डिग्री तापमान

डॉ। सुनीत द्विवेदी ने करेंट वेदर कंडीशन को किसानों के लिए मुफीद बताया। कहा कि गेहूं, धान जैसी फसलों और हरी सब्जियों के उत्पादन के लिहाज से मौसम काफी बेहतर है। उधर, अक्टूबर के महीने में पिछले 11 साल के मौसमी रिकॉर्ड पर नजर दौड़ायें तो साफ है कि इलाहाबाद में 20 अक्टूबर के बाद रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जाती है। दस साल में 26 अक्टूबर 2009 एवं 31 अक्टूबर 2012 को न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था। वहीं 11 अक्टूबर 2015 को अधिकतम तापमान 39.1 डिग्री सेल्सियस रहा। खास बात यह रही है कि अक्टूबर में शायद ही कोई ऐसा साल रहा हो, जब फुहारें न पड़ी हों। सबसे अधिक बरसात पांच अक्टूबर 2013 को 200 मिलीमीटर तक हुई थी।

इलाहाबाद में पिछले 11 साल में मौसमी समां (डिग्री सेल्सियस में)

अधिकतम तापमान

18 अक्टूबर 2016- 36.6

11 अक्टूबर 2015- 39.1

05 अक्टूबर 2014- 36.8

31 अक्टूबर 2013- 34.2

02 अक्टूबर 2012- 37.2

15 अक्टूबर 2011- 35.5

10 अक्टूबर 2010- 36.0

01 अक्टूबर 2009- 35.1

11 अक्टूबर 2008- 36.4

23 अक्टूबर 2007- 35.3

08 अक्टूबर 2006- 37.5

न्यूनतम तापमान

22 अक्टूबर 2016- 15.0

30 अक्टूबर 2015- 15.9

24 अक्टूबर 2014- 18.6

31 अक्टूबर 2013- 16.9

31 अक्टूबर 2012- 15.0

30 अक्टूबर 2011- 17.0

30 अक्टूबर 2010- 17.0

26 अक्टूबर 2009- 15.0

24 अक्टूबर 2008- 18.0

22 अक्टूबर 2007- 17.8

23 अक्टूबर 2006- 15.1

(नोट- सभी आंकड़े भारत मौसम विज्ञान विभाग से लिए गए हैं.)

करंट इयर में अक्टूबर माह में अब तक का अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान

18 अक्टूबर- 34.2, 21.7

17 अक्टूबर- 35.3, 21.2

16 अक्टूबर- 36.6, 20.6

15 अक्टूबर- 36.2, 21.6

14 अक्टूबर- 36.8, 26.2

13 अक्टूबर- 35.8, 24.9

12 अक्टूबर- 35.1, 26.1

11 अक्टूबर- 34.9, 26.1

10 अक्टूबर- 35.6, 25.8

09 अक्टूबर- 35.9, 27.1

सूरज भूमध्य रेखा के दक्षिण में जा चुका है। इससे सूरज की किरणें पृथ्वी पर तिरछी पड़ना शुरू हो चुकी है। इससे धूप में नरमी आएगी और ठंड बढ़ेगी। दिवाली पर पटाखों के प्रदूषण से अभी आठ दस दिन दिन में थोड़ी गर्माहट बनी रहेगी। हालांकि, रात्रि में ठंड अब बढ़ती जायेगी।

-प्रोफेसर बीएन मिश्रा, एक्स। एचओडी ज्योग्राफी डिपार्टमेंट