RANCHI: राजधानी में लोग बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट के लिए कार्यालयों की दौड़ लगा रहे हैं। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अंचल कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन, पिछले 25 दिनों से राजस्व कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। जमीन का म्युटेशन कराने के लिए भी लोग भटक रहे हैं।
जमीन का म्यूटेशन भी बंद
राजस्व कर्मचारी ही जमीन से संबंधित जितने भी कार्य होते हैं उसको करते हैं। लेकिन कोई काम नहीं हो पा रहा है। लोग अंचल कार्यालय में जा रहे हैं और लौट जा रहे हैं। साथ ही जितने भी तरह के प्रमाण पत्र हैं वह भी नहीं बन पा रहे हैं। अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है।
नहीं बन रहा प्रमाण पत्र
राजस्व एवं भूमि सुधार कर्मचारी उप निरीक्षक संघ की हड़ताल जारी है। राजस्व कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से भूमि एवं विभिन्न प्रमाणपत्र बनाने संबंधी कामकाज का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। लोग जाति, निवास, आय आदि प्रमाण पत्रों के लिए भटक रहे हैं। खासकर छात्र-छात्राओं को काफ परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्रों से संबंधित आवेदन लॉगिन में लंबित पड़े हुए है। बंदोबस्ती, नामांतरण समेत अन्य कार्य भी लंबित हैं।
क्या हैं मांगें
-राजस्व कर्मचारियों का न्यूनतम ग्रेड पे 2400 करें
-राजस्व सेवा प्रोटेक्शन एक्ट लागू करें
-लंबित प्रोन्नति, जनगणना से समायोजित राजस्व उप निरीक्षकों को जीपीएफ योजना का लाभ देते हुए पुरानी पेंशन योजना लागू करें
-अंचल निरीक्षकों को सीधी बहाली पर रोक लगाते हुए 50 प्रतिशत पद वरीयता से भरें।
- सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के लिए अनुभव 5 वर्ष निर्धारित करें
- लैपटॉप एवं इंटरनेट का खर्च दें
-क्षेत्र भ्रमण करने के लिए दो पहिया वाहन उपलब्ध कराने एवं इकाई का पुनर्गठन करें।
वर्जन
राजस्व कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण परेशानी हो रही है। वे जल्द से जल्द हड़ताल से वापस आएं इसकी कोशिश की जा रही है।
राय महिमापत रे, डीसी रांची
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क्या कहते हैं लोग
जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए हमने एक महीने पहले ही आवेदन दिया है। लेकिन अभी तक नहीं बन पा रहा है। कब तक बनेगा इसके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दे रहा है।
संकल्प
आवासीय प्रमाण पत्र बनाने के लिए अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कर्मचारी हड़ताल पर हैं यह कहकर लौटा दिया जा रहा है।
चांदनी