RANCHI: रिम्स में बायो मेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए लगा इंसीनरेटर आसपास रहने वाले लोगों के बीच बीमारियां बांट रहा है। इंसीनरेटर की चिमनी से निकलने वाले धुएं के कारण आसपास रहने वाले वाले कई लोगों को सांस की बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया है। वहीं खुले में बायोवेस्ट के जलाने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है। इस संबंध में लोगों ने कुछ दिनों पहले प्रबंधन से कंप्लेन भी की थी। इसके बावजूद प्रबंधन को लोगों की परेशानी से कोई लेना-देना नहीं है। बताते चलें कि रिम्स के आसपास में अब बड़ी आबादी बस चुकी है। वहीं बड़े-बड़े अपार्टमेंट को देखते हुए इंसीनरेटर को हटाने की योजना तैयार की गई थी। यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

खुले में जला रहे बायोवेस्ट

बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल के लिए इंसीनरेटर लगाया गया है। लेकिन कुछ वेस्ट को छोड़कर बाकी वेस्ट को खुले में जला दिया जाता है। जिसमें कॉटन, गॉज और अन्य बायोमेडिकल वेस्ट शामिल है। इसके अलावा इंजेक्शन की बोतल और सीरिंज भी खुले में ही जला दिया जाता है। वहीं टैबलेट और कैप्सूल के कवर तो जलते भी नहीं है। इसके अलावा ग्लोब्स और रबर वाली चीजों पर भी आग का कोई असर नहीं होता।

हास्पिटल से हर दिन 500 केजी वेस्ट

हास्पिटल में हर दिन 12-13 सौ मरीज एडमिट रहते हैं। ऐसे में एवरेज हर मरीज के पास से 150 ग्राम बायो वेस्ट निकलता है। वहीं सर्जरी और आर्थो वाले मरीजों के पास से ज्यादा बायोवेस्ट निकलता है। ऐसे में पूरे हॉस्पिटल से हर दिन 500 केजी बायोवेस्ट निकलता है। लेकिन इसे इंसीनरेटर में जलाने की बजाय खुले भी जला दिया जाता है। वहीं जो बच जाता है उसे घरेलू जानवर खा जाते है। जिससे कि लोगों के घरों में भी बीमारी पहुंच रही है।

जहां-तहां फेंक रहे सीरिंज, जख्मी हो रहे लोग

वेस्ट कलेक्शन के लिए हास्पिटल में स्टाफ्स को लगाया गया है। लेकिन ये स्टाफ्स कचरे का वजन कम करने के लिए जहां-तहां फेंक देते हैं। वहीं बिना पैक किए वेस्ट को डिस्पोजल के लिए ले जाते हैं। वह भी रास्ते में गिरता जाता है। इससे हॉस्पिटल में घूमने वाले लोगों को घायल होने के साथ ही इंफेक्शन का भी डर सताता रहता है। कई लोग रास्ते में फेंके गए निडिल से घायल भी हो चुके हैं।

ये होता है नुकसान

-खुले में बायोमेडिकल वेस्ट फेंकने से इंफेक्शन का खतरा

-पाल्यूशन के अलावा इंफेक्शन होने का भी खतरा

-घरेलू जानवरों से घरों में भी पहुंच रही बीमारी

-सूई और सीरिंज खुले में फेंकने से घायल होने का खतरा

वर्जन

ऐसा करना तो बिल्कुल गलत है। इसके बारे में पूछताछ की जाएगी। और जहां तक आबादी को परेशानी की बात है तो इसे लेकर प्लान किया गया है। झिरी में बायोवेस्ट डिस्पोजल के लिए प्लांट बनना है, उसके बाद सारा वेस्ट वहीं जाएगा। जिस समय इंसीनरेटर लगाया गया था उस समय तो पूरा मैदान था। अब आबादी को देखते हुए इसे हटाया जाएगा।

-डॉ। विवेक कश्यप, सुपरिंटेंडेंट, रिम्स