RANCHI: राजेंद्र इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (रिम्स), जहां देशभर से स्टूडेंट्स मेडिकल की पढ़ाई करने आते हैं। यहां से पास आउट होने के बाद वे अपना करियर भी बनाते हैं। लेकिन, रिम्स के ये मेडिकोज ऐसे भी हैं जो पढ़ाई के दौरान ही रिम्स के आसपास रहने वाले गरीब बच्चों का फ्यूचर भी संवार रहे हैं। इसके लिए मेडिकोज ने प्रयास नामक एक संस्था बनाई है। इसके तहत मेडिकोज गरीब बच्चों को एजुकेट तो कर ही रहे हैं, साथ ही उन्हें पढ़ाई के दौरान किताबें और स्टेशनरी भी उपलब्ध करा रहे है।

बच्चों का सुधर रहा रिजल्ट

रिम्स कैंपस के आसपास काफी संख्या में गरीब परिवार के लोग रहते हैं। ये लोग अपने बच्चों को पढ़ने के लिए सरकारी स्कूलों में भेज देते हैं। लेकिन बेहतर एजुकेशन के लिए उनके पास न तो पैसे हैं और न ही संसाधन। ऐसे में मेडिकोज ने आसपास के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। इससे स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी अब पहले से बेहतर हुआ है। मेडिकोज ने बच्चों को एबिलिटी के अनुसार एजुकेट करने की शुरुआत कर दी है।

बिजी शिड्यूल से निकालते हैं टाइम

मेडिकोज का सुबह से लेकर शाम तक पढ़ाई का बिजी शिड्यूल होता है। इस बीच उन्हें कई बार रिम्स में ड्यूटी भी करनी पड़ती है। इसके बावजूद मेडिकोज अपने बिजी शिड्यूल से थोड़ा समय इन गरीब बच्चों के लिए निकाल लेते हैं ताकि वे भी दूसरे बच्चों की तरह ही क्वालिटी एजुकेशन पा सकें।

समय-समय पर लगाते है स्टॉल

कैंपस में समय-समय पर स्टॉल भी लगाया जाता है। इसमें स्टेशनरी की चीजें रखी जाती हैं। इससे मिलने वाले पैसे बच्चों के लिए जरूरी चीजें खरीदने के लिए खर्च किए जाते हैं। वहीं जो लोग डोनेट करना चाहते हैं, वे स्टॉल पर डोनेट भी करते हैं।