- ढ़ाई लाख पौधों के प्लांटेशन को अब तक एक लाख गड्ढे हो पाए तैयार

- ढाई लाख गड्ढे खोदने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन नया प्लान कर रहा तैयार

>DEHRADUN: रिस्पना से ऋषिपर्णा मिशन के तहत बेशक सरकार द्वारा बीती 19 मई को प्लांटेशन के लिए एक लाख गड्ढे खोदने का दावा किया जा रहा है, लेकिन अभी ढ़ाई लाख पौधों के प्लांटेशन के गिनीज बुक रिकॉर्ड को डेढ़ लाख गड्ढे खोदे जाने बाकी हैं। खुद जिला प्रशासन इसको किसी चुनौती से कम नहीं मान रहा है। इस पर फिर से प्रशासन ने अपनी नई प्लानिंग पर काम करना शुरू कर दिया है। एक बार फिर से एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की मदद लेने की तैयारी है। हालांकि गर्मियों की छुटिट्यां होने के कारण स्कूलों को फिलहाल बाहर रखा गया है।

बड़ी चुनौती अभी बाकी

सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रिस्पना पुनर्जीवन के लिए ढ़ाई लाख पौधों के प्लांटेशन की चुनौती को पूरा करने के लिए शासन से लेकर प्रशासन व दूसरे विभाग भी जुटे हुए हैं। बीती सैटरडे यानि 19 मई को जिला प्रशासन ने विभागों, आर्मी स्कूल, गैर सरकारी संस्थाओं व आम लोगों के सहयोग से लक्ष्य को भेदने में ताकत झोंकी। लेकिन अभी लक्ष्य तक पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी बाकी है। दरअसल, जून के पहले सप्ताह में ढ़ाई लाख पौधों के प्लांटेशन के रिकॉर्ड के लिए इतने ही गड्ढे खोदे जाने हैं। दावा किया जा रहा है कि एक लाख गड्ढे तो खोद दिए गए हैं, शेष गड्ढों पर काम होना अभी बाकी है। कुछ दिन आराम के बाद फिर से जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। माइक्रो प्लान पर काम कर रहे सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल के मुताबिक इसके लिए नई प्लानिंग पर काम किया जा रहा है।

थर्सडे को रिव्यू पर होगा मंथन

मैड संस्था ने अपने प्रयास के जरिए थर्सडे को बैठक बुलाई है। जिसमें उन्होंने दून स्थित गैर सरकारी संस्थाओं को सहयोग के लिए आमंत्रित किया है। मैड के अभिजय नेगी ने बताया कि बैठक में रिव्यू भी किया जाएगा और जो निष्कर्ष निकलेगा, उसको जिला प्रशासन को सौंपा जाएगा।