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LUCKNOW: करीब डेढ़ घंटे तक बंद कमरे में चली मुलाकात के बाद बाहर आए जयंत ने कहा कि मुद्दा सीटों का नहीं, रिश्तों की अहमियत देने का है। फिलहाल अभी सीटों को लेकर फाइनल बात नहीं हुई है। अखिलेश से उनकी मुलाकात बेहद सार्थक रही है। वहीं दूसरी ओर पार्टी सूत्रों की मानें तो सपा ने रालोद को दो सीट देने की पेशकश की है जबकि तीसरी सीट पर रालोद के सिंबल पर सपा प्रत्याशी को उतारने की शर्त रखी है।

दस दिन में दूसरी मुलाकात
दस दिन के भीतर दूसरी बार अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद जयंत ने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब पूरे देश में भाजपा के खिलाफ प्रभावी गठबंधन खड़ा होगा। यह मैं की नहीं बल्कि हमारी लड़ाई है और हम इसे जरूर जीतेंगे। जल्द ही निर्णयों के बारे में बताया जाएगा। ध्यान रहे कि सपा-बसपा गठबंधन के ऐलान से पहले रालोद पांच सीटें देने की मांग पर अड़ा था जबकि सपा-बसपा दो सीट से ज्यादा देने को तैयार नहीं थे। गठबंधन के औपचारिक ऐलान के बाद रालोद के रुख में थोड़ा बदलाव आया।

अखिलेश से मुलाकात करनी पड़ी
इसी वजह से जयंत चौधरी को अचानक राजधानी आकर अखिलेश से मुलाकात करनी पड़ी। रालोद की ओर से बागपत, मुजफ्फरनगर व मथुरा पर दावेदारी की जा रही है। बागपत से खुद जयंत चौधरी, मुजफ्फरनगर से चौधरी अजित सिंह और मथुरा से सपा एमएलसी संजय लाठर को प्रत्याशी बनाने पर चर्चा जारी है हालांकि इसको लेकर अंतिम फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती को करना है।

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