वर्दी वाले लुटेरे
- चारों ओरापियों को कोर्ट के आदेश पर भेजा जेल
- कैश बरामद करना अभी भी बड़ी चुनौती
देहरादून, डीजीपी का पीआरओ रहा दरोगा दिनेश नेगी, आईजी का ड्राइवर रहा हिमांशु उपाध्याय और तीसरा पुलिस वाला मनोज अधिकारी कभी खुद बदमाशों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजते थे. वर्दी पहन कर कार चालक को लूटने के मामले में खुद फंस गए. वेडनसडे को उन्हें एसटीएफ और डालनवाला थाने की पुलिस टीम ने अवकाशकालीन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें तीनों पुलिस वालों और लूट कांड की साजिश के सूत्रधार अनुपम शर्मा को भी जेल भेज दिया गया. एसटीएफ ने चारों को लंबी पूछताछ के बाद ट्यूजडे को अरेस्ट किया था.
आज फिर कोर्ट में पेशी
चुनावी चेकिंग के नाम पर चार अप्रैल को प्रॉपर्टी कारोबारी अनुरोध पंवार की कार को रोककर उसे अगवा करने और उसकी कार में रखा कैश से भरा बैग लूटने के आरोप में एसटीफ ने तीन पुलिस कर्मियों और साजिश कत्र्ता को दोपहर बाद कोर्ट में पेश किया. अवकाशकालीन मजिस्ट्रेट ने फिलहाल चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. आज चारों को फिर नियमित मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया जाएगा.
कैश का अभी तक नहीं चला पता
एसटीएफ ने अनुरोध पंवार से लूट के मामले में दिनेश नेगी, हिमांशु मनोज और अनुपम से जुटाए साक्ष्यों के आधार पर लूटे गए कैश को बरामद करने की मशक्कत शुरू कर दी है. इस मामले में कैश के पॉलिटिकल लिंक की भी चर्चाएं रहीं. ऐसे में एसटीएफ के सामने कैश का पता लगाना अभी बड़ी चुनौती है.
कई की फंस सकती है गर्दन
इस केस में अवैध कैश के मूवमेंट का मामला चर्चा में होने से पुलिस और एसटीएफ के अलावा इनकमटेक्स डिपोर्टमेंट भी सक्रिय हो चुका है. ऐसे में अब सब कैश का पता लगाने की मशक्कत में जुट हैं.
आईजी की कार जब्त करने के सवाल पर सब चुप
इस मामले में क्राइम करते समय आईजी की सरकारी कार इस्तेमाल हुई है. लेकिन अभी कार को जब्त नहीं किया गया. आईजी की कार जब्त करने के सवाल पर एसटीएफ से लेकर लोकल पुलिस के अधिकारी इसे विवादित बताते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर देते हैं. जबकि यह कार केस में बड़ी एविडेंस है.