LUCKNOW :यूपी में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पड़ताल की कवायद अभी पूरी नहीं हुई थी कि पूरे देश में चर्चा का सबब बन चुके रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा यूपी को अपनी पनाहगाह बनाए जाने का नया मामला सामने आया है। खुफिया विभाग द्वारा इस बाबत की गयी गोपनीय पड़ताल में मालूम पड़ा है कि पश्चिमी यूपी के पांच अति संवेदनशील जिलों में रोहिंग्या मुसलमान अपनी पैठ जमा चुके हैं। नेपाल और पश्चिम बंगाल के रास्ते से आकर उन्होंने यहां न केवल अपना नया ठिकाना बनाया बल्कि भारतीय नागरिकता हासिल करने के जतन भी कर रहे हैं। खुफिया विभाग ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट डीजीपी सुलखान सिंह को दी है। जल्द ही इस बाबत पुलिस कोई सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।

 

कई अन्य जिले भी खुफिया के राडार पर

इस रिपोर्ट के बाद पुलिस महकमे की नजरें कुछ अन्य संवेदनशील जिलों में टिक गयी हैं जहां रोहिंग्या मुसलमानों के छिपने की आशंका है। दरअसल रोहिंग्या मुसलमानों द्वारा चोरी-छिपे भारत की सीमा में प्रवेश कर अलग-अलग शहरों मे पनाह लिए जाने की सूचना मिलने के बाद खुफिया विभाग ने इसकी पड़ताल शुरू की थी। जांच में सामने आया कि मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर, मेरठ और मुजफ्फरनगर में 304 रोहिंग्या मुस्लिम अपनी पहचान छिपाकर रह रहे हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद तुरंत डीजीपी मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गयी ताकि उनके खिलाफ आगे कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश मिल सके। माना जा रहा है कि यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भी भेजी जाएगी। सूत्रों की मानें तो कुछ अन्य जिलों में भी रोहिंग्या मुसलमानों के छिपे होने की सूचना है जिसे लेकर खुफिया विभाग को सूचनाएं एकत्र करने को कहा गया है।

 

सीएम के तेवरों के बाद शुरू हुई पड़ताल

दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध रूप से यूपी में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों और रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दिए गये बयानों ने पुलिस को यह कवायद शुरू करने को मजबूर कर दिया। इससे पहले सरकारों ने अवैध बांग्लादेशियों की पड़ताल के किसी भी अभियान को अपनी मंजूरी नहीं दी थी। ध्यान रहे कि सीएम ने हाल ही में कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी नहीं, घुसपैठिए हैं। इसके बाद पुलिस ने बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के खिलाफ जांच अभियान छेड़ दिया। केवल राजधानी में ही अवैध रूप से 45 हजार बांग्लादेशियों द्वारा पनाह लिए जाने का मामला सामने आया है।