=आइवीआरआई में केन्द्रीय विद्यालय संगठन के सेमिनार में जुटे शिक्षाविद्

= लखनऊ, बरेली और कानपुर के प्रधानाचार्यो के साथ किया मंथन

बरेली: राष्ट्रीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान यानि आरवीआई में थर्सडे को केन्द्रीय विद्यालय संगठन लखनऊ संभाग का प्राचार्य सम्मेलन हुआ. चीफ गेस्ट अपर आयुक्त प्रशासन सौरभ जैन ने सभी प्रधानाचार्यो को जिम्मेदारी का अहसास कराया. कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है. इसलिए प्रधानाचार्य की भूमिका शिक्षक से और बड़ी हो जाती है. शुभारंभ सहायक आयुक्त प्रीति सक्सेना ने किया. विशिष्ट अतिथि व संयुक्त निदेशक आइवीआरआई डॉ. मिश्रा, अजय पंत, अनुराग यादव ने भी विचार व्यक्त किए. प्रधानाचार्यो ने सांस्कृति कार्यक्रम प्रस्तुत करके समा बांधा. डॉ. अपर्णा सक्सेना, मीता गुप्ता, अनीता सिंह, बलबीर कुमार, एमके अग्रवाल, बिजेंद्र व्यास, रेणु सक्सेना, सुषमा यादव आदि का सहयोग रहा.

अच्छे परफामर्ेंश पर सम्मान

केवि पूर्वोत्तर रेलवे के छात्र विभोर अग्रवाल को केंद्रीय विज्ञान प्रोत्साहन योजन में चयनित होने पर 24000 की छात्रवृत्ति दी गई. उनके द्वारा बाल श्री पुरस्कार अर्जित करने, अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड व अन्य स्पर्धाओं में नाम रोशन करने पर चीफ गेस्ट ने सम्मानित किया.

विशिष्ट पहचान बना करे आकर्षित

आरयू के कॉमर्स के पूर्व विभागाध्यक्ष व अतिथि वक्ता डॉ. एनएल शर्मा ने कहा कि प्रधानाचार्य को सजग, सहृय, ज्ञानी होना चाहिए. उत्तर दायित्वों को वहन करने की क्षमता हो. उसकी पहचान ऐसी हो, छात्र, अभिभावक व अन्य लोग स्वयं उसकी ओर देखे.

संस्कारों के पतन यौन उत्पीड़न का कारण

आरयू के अर्थशास्त्र विभाग की प्रो. डॉ. अनीता त्यागी ने कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए जागृति सजगता की शुरुआत घर से होनी चाहिए. दौड़ भाग भरी जिदंगी में संस्कारों का पतन हो रहा है. सम्मेलन में बरेली, कानपुर व लखनऊ संभाग के 31 प्रधानाचार्य शामिल हुए.

बाल उत्पीड़न पर बरते सजगता

आरयू के विधि विभाग के अतिथि वक्ता डॉ. एसके शर्मा ने पॉक्सो एक्ट विषय पर विचार व्यक्त किए. कहा, हर स्कूल में बच्चे का कहीं ना कहीं उत्पीड़न जरूर होता है. बच्चा डर की वजह से बता नहीं पाता है. इसलिए शिक्षकों को सजगता बरतनी चाहिए.