RANCHI : झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर, झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था के पूर्व निदेशक राजेश सिंह तथा सभी जिलों के बाल कल्याण समिति अध्यक्षों एवं सदस्यों को निलंबित करते हुए उनके नियुक्ति प्रक्रिया, दस्तावेजों एवं कायरें का उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग जोर पकड़ने लगी है। समाजसेवी दर्श चौधरी ने इस बाबत राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय कार्यालय, महिला एवं बाल विकास मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को मेमोरेंडम भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।
नियुक्तियों में हुई धांधली
सोशल वर्कर दर्श चौधरी के मुताबिक, महिला, बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने रांची, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, दुमका, गुमला, साहेबगंज और पश्चिमी सिंहभूम जैसे जिलों में सीडब्ल्यूसी के अध्यक्षों एवं सदस्यों की नियुक्ति अवैद्य तरीके रिश्वत लेकर किया गया है। सभी जिलों में सीडब्ल्यूसी के अध्यक्षों एवं सदस्यों की नियुक्ति करने हेतु सात सदस्यों की चयन समिति बनाने का प्रावधान है, मगर नियमों के विरुद्ध तीन सदस्यों का चयन समिति बनाकर सभी सीडब्ल्यूसी में नियुक्ति किया गया है।
चयन समिति ने बरती लापरवाही
दर्श चौधरी ने बताया है कि सीडब्ल्यूसी के अध्यक्षों एवं सदस्यों की नियुक्ति करने वाले चयन समिति में सेवानिवृत न्यायाधीश, अध्यक्षा आरती कुजूर एवं निदेशक राजेश सिंह शामिल थे। इनके द्वारा सीडब्ल्यूसी के अध्यक्षों एवं सदस्यों की नियुक्ति नियमों के विरुद्ध किया गया है। सीडब्ल्यूसी में गलत नियुक्ति के वजह से ही झारखंड में मासूम बच्चों का शोषण हो रहा है।
किस-किस सीडब्ल्यूसी में अवैध नियुक्ति
रांची
रूपा कुमारी
तनुश्री सरकार
कौशल किशोर
श्रीकांत कुमार
प्रतिमा कुमारी
खूंटी
विरेश्वर विंघिया
बैधनाथ कुमार
रश्मि कुमारी
बसंती कुमारी मुंडा
लीना केरकेटटा
बोकारो
विजय कुमार सिंह
सुधीर कुमार सिंह
सुनीता सिन्हा
गुमला
शम्भु सिंह
सुषमा देवी
संजय भगत
जमशेदपुर
पुष्पा रानी तिर्की
लखी दास
आलोक भास्कर
रंजीत प्रसाद सिन्हा