- ज्यादातर सड़क हादसों की वजह बनता ड्रंक एंड ड्राइव

- गोरखपुर में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की नहीं होती धड़-पकड़

- चेकिंग में ब्रेथ एनलाइजर यूज नहीं करते आरटीओ

GORAKHPUR: शहर की व्यवस्था में कोई कमी न आए इसके लिए शासन सभी विभागों को धन और संसाधन से लैस कर रहा है। लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदारों की सुस्ती जाने का नाम ही नहीं ले रही। आरटीओ विभाग को ही देख लिजिए। ड्रंक एंड ड्राइव के चलते बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए कई साल पहले आरटीओ विभाग को बे्रथ एनलाइजर मशीन शासन द्वारा दी गई थी। लेकिन इस मशीन का यूज कर शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर अंकुश लगाना तो दूर आरटीओ विभाग इसे साथ तक नहीं रखता। आरटीओ को मिलीं तीन बे्रथ एनलाइजर मशीनें ऑफिस में ही पड़े-पड़े खराब हो रही हैं। वहीं सड़क पर लग्जरी वाहनों को भी बार बनाकर चलने वालों को भी इसका कोई खौफ नहीं है।

शराब पीकर गाड़ी चलाना बना शौक

गोरखपुर में भी लग्जरी गाडि़यों में शराब पीने का फैशन तेजी से डेवलप हो रहा है। पीने के बाद तेज म्यूजिक के बीच गाडि़यों से खतरनाक स्टंट करना तो सड़क पर आम हो गया है। सड़कों पर ज्यादातर दुर्घटनाएं भी शराब के नशे की वजह से ही हो रही हैं। बावजूद इसके आरटीओ के जिम्मेदार हैं कि शराबियों की इस हरकत पर लगाम कसने में पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं।

शून्य पर अटका ड्रंक एंड ड्राइव

आरटीओ विभाग के माहवार आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्व वसूली का टारगेट तो ये किसी तरह भी पूरा कर लेते हैं। लेकिन चालान चार्ट में ओवरलोडिंग, बिना हेलमेट, सीट बेल्ट को छोड़ दिया जाए तो बाकी नियमों को तोड़ने वालों पर आरटीओ का जरा भी ध्यान नहीं जाता है। जिसका नतीजा ही है कि चालान चार्ट में ड्रंक एंड ड्राइव कॉलम में कभी कोई संख्या नहीं लिखी जाती है जिससे ये हमेशा शून्य पर ही अटका रहता है।

सुरक्षा कारणों से भी चेकिंग में आती दिक्कत

इन दिनों सड़क पर आरटीओ की दो टीमें चेकिंग के लिए निकलती हैं। जो सुरक्षा कारणों से भी शराबियों को चेक करने से कतराती हैं। नाम न बताने की शर्त पर चेकिंग दल में शामिल आरटीओ स्टाफ ने बताया कि चार होमगार्ड और चार लाठियों के भरोसे हमारी सुरक्षा रहती है। ऐसे में रिस्क लेना हम मुनासिब नहीं समझते।

इतनी एल्कोहल की लिमिट

एल्कोहल पीकर ड्राइव करना खतरनाक हो सकता है। ब्रेथ एनलाइजर की मदद से एल्कोहल कंटेंट को चेक कर सकते हैं। जबकि जिम्मेदारों की मानें तो ब्लड में एल्कोहल कंटेंट की लीगल लिमिट प्रति 100 एमएल ब्लड में 0.03 फीसद या 30 एमजी है।

ड्रिंक एंड ड्राइव में ये है सजा

अगर किसी व्यक्ति के ब्लड में एल्कोहल की मात्रा 30 एमजी से ज्यादा है तो उस पर मोटर व्हीकल एक्ट सेक्शन 185 के तहत जुर्माना और सजा होगी। इसमें छह महीने की जेल या दो हजार रुपए का जुर्माना या ये दोनों शामिल हैं।

दिसंबर का आंकड़ा

दुर्घटना में मौत 40

ड्रंक एंड ड्राइव 0

रेड लाइट जंप 0

ओवर स्पीड 0

ओवर लोडिंग 61

लाइसेंस निरस्त 9

माल यान में सवारी ढोना 1

मोबाइल फोन यूज करते 0

बिना हेलमेट 235

बिना सीट बेल्ट 113

वर्जन

ठंड के मौसम में ड्रंक एंड ड्राइव पर रोक लगाने के लिए चेकिंग बहुत ही जरूरी है। आरटीओ प्रवर्तन से बोलकर अभियान चलवाता हूं।

- भीमसेन सिंह, आरटीओ