लोकसभा चुनाव ड्यूटी के लिए राजकाज में सहयोग न करने वाले वाहन मालिकों पर आरटीओ ऑफिस ने कसा शिकंजा

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PRAYAGRAJ: आरटीओ ऑफिस में रजिस्टर्ड प्राइवेट बस हो या चार पहिया वाहन मालिकों के खिलाफ राज काज में सहयोग न करने पर शिकंजा कसने का कवायद शुरू कर दी गई है. अप्रैल के पहले सप्ताह में निर्देश जारी करके अधिग्रहीत वाहन न देने वालों पर नौ मई को एफआईआर कराने का निर्णय लिया गया था. अब ऐसे मालिकों के वाहन का परमिट कैंसिल करने का भी फैसला किया गया है.

4938

पोलिंग बूथ बनाये गये हैं मतदान कराने के लिए जिले में

2800

वाहन अधिग्रहित करना है आरटीओ को चुनाव के लिए

1200

प्राइवेट बसों की हुई है डिमांड

800

वाहन पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के इस्तेमाल कि लिए होंगे

800

वाहनों का इस्तेमाल निर्वाचन से जुड़े अधिकारी करेंगे

1070

प्राइवेट बसें दी जाएगी चुनाव ड्यूटी के दौरान दोनों सीटों के लिए मतदान कर्मियों को

130

प्राइवेट बसों को रिजर्व में रखा जाएगा.

15

दिन के भीतर रजिस्टर्ड 2800 वाहन मालिकों को अधिग्रहण का पत्र भेजा जा चुका है.

09

मई को जो मालिक अपना वाहन आरटीओ को सुपुर्द नहीं करेंगे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

11

तक वाहन उपलब्ध न होने पर कैंसिल कर दी जाएगी वाहन की परमिट

आवेदन नहीं होगा स्वीकार

एआरटीओ सेकंड भूपेश गुप्ता ने बताया कि जो रजिस्टर्ड वाहन मालिक अपना वाहन नहीं देते हैं उनके द्वारा दोबारा परमिट के लिए आवेदन किया जाता है तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. जिसकी जानकारी उन्हें अधिग्रहण लेटर जारी करते समय ही दे दी गयी है. वाहन स्वामियों के खिलाफ कार्रवाई लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत की जायेगी.

डीएम के निर्देश पर वाहन मालिकों को चुनाव ड्यूटी के लिए वाहन अधिग्रहण करने का पत्र दिया जा चुका है. नौ मई को जो मालिक अपना वाहन नहीं देंगे उनके खिलाफ प्राथमिकी तो दर्ज कराई ही जाएगी उनके वाहन का परमिट भी कैंसिल कर दिया जाएगा.

रविकांत शुक्ला,

एआरटीओ प्रवर्तन