-आरटीओ कार्यालय से अब नहीं जारी होगा ड्राइविंग लाइसेंस
-प्रॉसेस पूरा होने के बाद लखनऊ मुख्यालय से भेजा जाएगा
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PRAYAGRAJ: आरटीओ ऑफिस के अंदर और बाहर अक्सर यह सुनाई देता है कि फीस दे दीजिए दस से बीस दिनों में आपका ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाएगा। अब इस पर प्रदेश सरकार ने नजरें टेढ़ी कर दी हैं। अब कोई भी फर्जी तरीका अपनाकर और आरटीओ कर्मचारियों से सांठगांठ करके ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकेगा। दलाली प्रथा को जड़ से समाप्त करने के लिए परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाया है। नवम्बर के पहले सप्ताह से लखनऊ मुख्यालय से ही लाइसेंस जारी करने की योजना है।
नहीं देना होगा लिफाफा
लखनऊ मुख्यालय से लाइसेंस जारी होने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद यहां आरटीओ कार्यालय में आवेदन फार्म के साथ 22 रुपए का डाक टिकट लगा लिफाफा नहीं देना पड़ेगा। आवेदक को अपना लाइसेंस बनवाने के लिए सिर्फ आनलाइन आवेदन, टेस्ट व ड्राइविंग लाइसेंस अप्रूवल कराना होगा। इसके बाद संबंधित व्यक्ति का रिकार्ड मुख्यालय को भेज दिया जाएगा।
ऐसे पहुंचेगा घर पर लाइसेंस
आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक दिन में लाइसेंस परिवहन आयुक्त कार्यालय भेजा जाएगा। दूसरे दिन लाइसेंस को आल इंडिया रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। तीसरे दिन मुख्यालय से लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके चार दिनों के भीतर संबंधित व्यक्ति के पते पर लाइसेंस पहुंचा दिया जाएगा।
सात नवम्बर से लागू होगी व्यवस्था
प्रदेश में मुख्यालय से लाइसेंस भेजने की व्यवस्था सात नवम्बर से शुरू कर दी जाएगी। एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा की मानें तो जिस फर्म को लाइसेंस छापने का ठेका दिया गया था, उसका कार्यकाल सात नवम्बर को समाप्त हो जाएगा। नई फर्म को ठेका देने के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। इसलिए यही प्रयास हो रहा है कि समय सीमा समाप्त होने से पहले फर्म का चयन कर लिया जाए।
महत्वपूर्ण तथ्य
- जिसे लाइसेंस बनाने का ठेका दिया जाएगा उसे सात दिन के भीतर संबंधित पते पर लाइसेंस पहुंचाना होगा।
- सात दिन में लाइसेंस नहीं पहुंच पाता है तो इसके बाद प्रति दिन के हिसाब से फर्म पर दस रुपए का जुर्माना लगेगा।
- आरटीओ कार्यालय से औसतन चार सौ ड्राइविंग लाइसेंस पर डे निर्गत किया जाता है।
- लाइसेंस संबंधित व्यक्ति के पते पर पंद्रह से लेकर एक महीने की अवधि में पहुंचता है।
वर्जन
अगले महीने से पूरे प्रदेश में लखनऊ मुख्यालय से ही लाइसेंस निर्गत किए जाने की व्यवस्था की जा रही है। लाइसेंस छापने के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। यहां पर सिर्फ आवेदक का टेस्ट लेकर उसे अप्रूवल दिया जाएगा।
सगीर अहमद अंसारी, आरटीओ