आगरा। अमूनन सरकारी कार्यालयों में विभाग से जुड़ी जानकारियों की जगह-जगह पट्टिकाएं लगी रहती है, जिससे पब्लिक को विभाग संबंधी कामकाज की जानकारी आसानी से मिल सके। लेकिन आरटीओ विभाग अपनी सुविधाओं की जानकारी देने के बजाए पब्लिक को अधिकारी और कर्मचारी से विनम्र व्यवहार के आचरण का पाठ पढ़ा रहा है। आखिर जगह-जगह कानून के साथ सजा बताने जैसी धमकी की पट्टिका लगाने के उद्देश्य पर विभाग के अधिकारी भी तर्क नहीं दे पा रहे हैं।

सजा भी बताई गई

आरटीओ कार्यालय में प्रवेश करते ही आपका सामना बड़ी-बड़ी वॉल पेंटिंग से होता है। इसमें ड्राइविंग लाइसेंस, रिन्यूवल, वाहन परमिट संबंधी कार्यो की जानकारी नहीं होती बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों से उचित एवं विनम्रतापूर्वक व्यवहार का पाठ पढ़ाया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान के लिए बकायदा कानून की जानकारी का उल्लेख किया गया है। साथ ही सजा भी बताई गई है।

हेल्प डेस्क नहीं बनाई

ये पट्टिका एक-दो जगह नहीं लगी, बल्कि पुरानी से लेकर नई बिल्िडग के बाहर-अंदर तक जगह-जगह लगी हैं। ये लोगों को समझा कम डरा ज्यादा रही हैं। जबकि लोग लाइसेंस समेत अन्य विभागीय काम के लिए भटकते रहते हैं और उनकी जानकारी के लिए न कोई पट्टिका लगी हुई है, नहीं हेल्प डेस्क बनाई गई।

पब्लिक को जानकारी नहीं

आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी परमिट समेत विभाग के काम होते हैं। इनकी जानकारी और खर्च का उल्लेख के लिए जगह नहीं दी गई है और नहीं हेल्प डेस्क बनाई गई है, जिससे पब्लिक को मदद मिल सके।

आखिर क्यों पड़ी जरूरत

पब्लिक से जुड़े कलेक्ट्रेट, नगर निगम, जलकल, एडीए समेत कई विभाग हैं। इनमें कुछ में ही अधिकारियों से व्यवहार को लेकर एक आदर्श पट्टिका लगाई गई है। लेकिन आरटीओ परिसर ऐसी वॉल पेंटिंग से पटा हुआ है। आखिर यहां ऐसी क्या जरूरत पड़ी?