आईवीआरएस में गड़बड़ी बताकर कर रहे मीड-डे मील चट

सिस्टम पर गलत मोबाइल नंबर अपडेट, टीचर्स लगा रहे विभाग को चूना

मंडल के 481 स्कूलों की खुली पोल, मंडलीय जांच में हुआ खुलासा

10 दिन से स्कूलों में नहीं मिला मिड-डे मील

मंडल के करीब 481 स्कूलों में इस तरह की धोखाधड़ी चल रही है।

सबसे ज्यादा खेल मेरठ के स्कूलों में ही चल रहा है

यहां 145 स्कूलों में यह स्थिति पाई गई है

>Meerut। आईवीआरएस सिस्टम पर गलत मोबाइल नंबर अपडेट करके मिड-डे मील में आंकड़े बदलने का नया खेल सामने आया है। आलम यह है कि स्कूलों की ओर से कई दिनों का मिड-डे मील का डाटा अपडेट नहीं किया जा रहा है। जबकि जांच के दौरान आईवीआरएस में तकनीकी गड़बड़ी की कहानी सुना सरकारी टीचर्स शिक्षा विभाग को लाखों रूपये का चूना लगा रहे हैं। मंडलीय समन्वयक वीरेंद्र कुमार द्वारा की गई मंडल के स्कूलों की समीक्षा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस संबंध में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक डॉ। अशोक कुमार सिंह ने बीएसए को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

145 स्कूलों की खुली पोल

स्कूलों में मिड-डे मील से लाभांवित बच्चों की डेली रिपोर्ट को सभी स्कूलों को आईवीआरएस सिस्टम पर अपडेट करना होता है। इसके तहत विभाग से स्कूलों में अपडेटेड नंबर पर कॉल जाता है। जिस पर सूचना अपडेट करनी होती है, लेकिन गलत नंबर अपडेट होने की वजह से इन पर कॉल ही नहीं जाती। जबकि स्कूलों की ओर से नेटवर्क न आने, आईवीआरएस में तकनीकी समस्या होने की बात कहकर रजिस्टर में ही बच्चों की संख्या अपडेट कर दी जाती है।

अधिकारियों की मिलीभगत

स्कूलों में आईवीआरएस रिपोर्ट जांचने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों यानी बीईओ की होती है। बीईओ को रोजाना आईवीआरएस से मिले डाटा की समीक्षा करके मिड-डे मील के डिस्ट्रिक्ट कॉर्डिनेटर को भेजनी होती है। लेकिन बीईओ की मिलीभगत से यह पूरा खेल चल रहा है। स्कूलों में टीचर्स तुरंत अपडेट न करके बाद में रजिस्टर में अधिक संख्या दिखाकर मिड-डे मील की लागत वसूलते हैं।

नहीं मिला मिड-डे मील

स्कूल खुलते ही बच्चों को मिड-डे मील देने के निर्देश भी हवा हो गए हैं। मंडल के करीब 144 स्कूलों में 1 से 15 जुलाई के बीच करीब 10 स्कूलों में मिड-डे मील नहीं दिया गया है। इसमें मेरठ में 44 स्कूल, बागपत में 27 स्कूल, बुलंदशहर में 21, गौतमबुद्धनगर में 1, गाजियाबाद में 31, हापुड में 10 स्कूलों में मिड-डे मील नहीं बांटा गया है।